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जिसे 10 साल से बिछड़ा पति समझा…वो कोई और निकला; बोला- मेरी तो शादी ही नहीं हुई

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/बलिया. बलिया की महिला जिसे अपना अपना पति समझकर घर लाई थी। वह उसका पति नहीं, बल्कि कोई और निकला। युवक का नाम मोतीचंद नहीं, राहुल है। उसकी अब तक शादी नहीं हुई है। उम्र 28 साल है। फिलहाल, जब से महिला को पता चला कि वह शख्स उसका पति नहीं है। वह उदास हो गई। हालांकि, उम्मीद नहीं छोड़ी। कहा कि उसे अभी अपना पति वापस मिलने की उम्मीद है।

दरअसल, शनिवार को सोशल मीडिया में बलिया का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक महिला सड़क किनारे भिखारी से नजर आने वाले शख्स को दुलार रही है। कभी वह हाथों से उसके बाल ठीक करती है तो कभी उससे पूछती है कि आप कैसे हैं? जानकी देवी नाम की इस महिला का पति मोतीचंद वर्मा 10 साल पहले लापता हो गया था।

शुक्रवार को अचानक उसने जिला अस्पताल के पास भिखारी जैसे दिख रहे राहुल को देखा। उसको लगा कि वह उसका लापता पति मोतीचंद है। वह उसे घर ले आईं। नहला कर तैयार किया। बाल कटवाए। शेविंग करवाई। हालांकि, कुछ ही घंटे बाद पूरा मामला पलट गया।

चलिए, फिल्म जैसी पूरी कहानी को सिलसिलेवार जानते हैं...

जिला अस्पताल के बाहर से महिला को मिला था राहुल

बलिया के देवकली गांव में जानकी देवी अपने 3 बच्चों के साथ रहती है। वह शुक्रवार को जिला अस्पताल गई थी। जब वह अस्पताल के गेट पर पहुंची, तो उसे कुछ जानी-पहचानी शक्ल का एक भिखारी दिखाई दिया। उसे समझा कि वह भिखारी 10 साल पहले लापता हुआ उसका पति मोतीचंद है।

अपने पति की भिखारी जैसी हालत में देखकर जानकी देवी उससे लिपट कर रोने लगी। अपने हाथों से उसके बाल और चेहरे को साफ करने लगी। इस दौरान जानकी देवी बार-बार उससे पूछती रही-आप ठीक तो हैं न। इसके बाद उसने अपने बेटे से एक साफ कुर्ता-पायजामा मंगवाया और उसे अपने घर ले आई।

मगर, घर आने के थोड़ी ही देर बाद जानकी देवी की खुशी गम में बदल गई। दरअसल, हुआ यह कि जानकी देवी के साथ आए युवक की खबर गांव में आग की तरह से फैल गई। गांव के लोग उससे मिलने आने लगे। सब कोई जानकी देवी की किस्मत की तारीफ करने लगा।

वहीं जानकी के बच्चे उस भिखारी को अपने हाथों से खाना खिला रहे थे। राहुल की तबीयत सही न होने पर उसको दवा भी दी गई थी। जानकी के घर आए लोग उस युवक से बात करने की कोशिश करते रहे, लेकिन वह बोल नहीं रहा था।

तभी जानकी के घर गांव के ही सागर सिंह पहुंचे। उन्होंने जानकी के घर लाए गए भिखारी से बातचीत की। जब उन्होंने उसे मोतीचंद वर्मा कहकर पुकारा, तो वह हक्का-बक्का रह गया। वह भिखारी बोला-मेरा नाम तो राहुल है। ये मेरा घर नहीं है। उसने बताया कि वह सिकरहटा गांव का रहने वाला है, जो देवकली गांव से 40 किलोमीटर दूर है। राहुल ने यह भी कहा कि उसकी अभी शादी ही नहीं हुई है।

ये जानकी का बेटा है, जो राहुल को अपना पिता समझकर उसको पानी पिला रहा है।

इसके बाद जानकी देवी ने नाई को घर बुलाया और राहुल के बाल-दाढ़ी साफ कराए, तो उसका चेहरा भी अपने बिछड़े पति से अलग दिखने लगा।

मोतीचंद वर्मा नहीं राहुल है असली नाम, पढ़िए कैसे हुआ खुलासा

राहुल ने अपने घर का जो पता बताया, वहां एक युवक को भेजा गया। इसके बाद राहुल के माता-पिता जानकी देवी के घर आए। तब सच पूरी तरह से सामने आ गया। राहुल के माता-पिता ने बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। 6 जून को वह किसी बात से नाराज होकर घर से निकल गया था। तब से हम लोग उसको ढूंढ रहे थे।

अपने बेटे को दुबारा पाकर राहुल की मां बहुत खुश हैं। उनका कहना है, अब वो बेटे को कहीं जाने नहीं देंगी।

बेटे को देखकर मां उससे लिपट कर रोने लगी

अपने बेटे को देखकर राहुल की मां उससे लिपट कर रोने लगी। वहीं पिता भी बार-बार अपने बेटे को दुलारता रहा। दोनों अपने खोए बेटे को वापस घर ले गए। बता दें, राहुल की एक बहन भी है। जिसकी शादी हरदोई में हुई है। वहीं जानकी के घर पर सन्नाटा छा गया। वो अपने 3 बच्चों के साथ उदास होकर घर के अंदर चली गई।

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