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ग़ाज़ीपुर में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के सहारे पांच साल से नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ग़ाज़ीपुर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों के पकड़े जाने का सिलसिला अभी भी जारी है। बीएसए ने फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 1997-98 से नौकरी कर रहे एक प्रधानाध्यापक को मंगलवार को बर्खास्त कर दिया। इसकी सूचना मिलते शिक्षक सहित कर्मचारियों में खलबली मच गयी।

बाराचवर विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय सिउरी में करीब पांच साल से तैनात श्यामनारायण यादव जांच में फर्जी निकला। इसे 1997 - 98 में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी मिला था। जिसके बाद में पदोन्नत होकर उच्च प्राथमिक विद्यालय सिउरी में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हुआ। लोगों की शिकायत व संदिग्धता के आधार पर बीते दो माह से इसके दस्तावेज की जांच शुरू की गयी। इनके शैक्षिक प्रमाणपत्र जांच के संबंधित विद्यालयों व विश्वविद्यालय में भेजा गया। 

जिसमें शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी मिले। इसी बीच जिला समिति की ओर से भी जांच की गयी। जिसमें एडीएम अध्यक्ष व अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य सहित बीएसए सचिव रहे। इनकी ओर से इसकी सूचना मिलते ही जांच की रफ्तार और बढ़ा दी गयी। जिसके बाद बीएसए कार्यालय को सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हो गया। जिसमें अवगत कराया गया था कि संबंधित शिक्षक के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी है। इस आधार पर बीएसए ने तत्काल शिक्षक का वेतन अवरुद्ध करते हुए तीन बार स्पष्टीकरण तलब किया।

शिक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाला प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इसके खिलाफ संबंधित बीईओ को एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है। बीएसए ने कहा कि जांच में शैक्षिक प्रमाणपत्रों के फर्जी या कूटरचित मिलने पर किसी भी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी बल्कि प्राप्त किए गए वेतन की भी रिकवरी होगी।

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