काशी में PM मोदी की मां हीराबेन का पिंडदान, छोटे भाई पंकज ने दशाश्वमेध घाट पर किया अनुष्ठान
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पीएम मोदी की मां हीराबेन और पिता दमोदर दास का शुक्रवार को वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान किया गया। गंगा तट पर पीएम के छोटे भाई पंकज मोदी ने विधि-विधान से पिंडदान के अनुष्ठान पूर्ण किए। पिंडदान के बाद पंकज मोदी और उनके रिश्तेदार गंगा आरती में शामिल हुए। मां गंगा की पूजा करके माता-पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
100 साल की उम्र में हीराबा ने ली थी अंतिम सांस
पीएम मोदी की मां हीराबेन का बीते साल 30 दिसंबर को देहांत हो गया था। उन्होंने 100 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी। काशी में पंडित राजू झा ने पिंडदान कराते हुए हीराबेन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके साथ ही पिता दामोदार दास का भी तर्पण और पूजन कराकर पिंडदान कराया। पिंडदान में पीएम के सभी पूर्वजों को भी शामिल किया।
पंकज मोदी ने नम आंखों से मां का स्मरण कर पिंडदान किया और मां गंगा से प्रार्थना की। इसके बाद वे शाम को फिर गंगा घाट पहुंचे। वहां गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली गंगा आरती में मां के लिए विशेष पूजन भी किया। मां गंगा की आरती उतारी और मां हीराबेन के संकल्पों का स्मरण किया।
हरिद्वार में हुआ था अस्थि विसर्जन
इससे पहले 7 जनवरी को स्वर्गीय हीराबेन की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित की गईं थी। प्रधानमंत्री के भाई पंकज मोदी परिवार के कुछ सदस्यों के साथ हरिद्वार में पूजा करके अस्थियों का विसर्जन किया था। हालांकि, वाराणसी में विधि-विधान से सभी संस्कार पूरे किए। पंकज मोदी के आने की सूचना पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा।
अंतिम सफर में पार्थिव देह के साथ शव वाहन में बैठे रहे नरेंद्र मोदी, मुखाग्नि के दौरान एक टक निहारते रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा 31 दिसंबर सुबह 9:26 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम सफर के दौरान वे मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान वे शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे। मुखाग्नि के दौरान वे मां को एक टक निहारते रहे।