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मुख्तार अंसारी के रिश्तेदारों की भी कुंडली तैयार... जान लीजिए किस पर कितने केस

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. बाहुबली से माफिया बने मुख्तार अंसारी की क्राइम कुंडली खंगालने के साथ-साथ तमाम मामलों में सबूत पुख्ता करने में पुलिस जुट गई है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के गिरोह को मिट्टी में मिलाने की कोशिशों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पुलिस मुख्तार के आपराधिक कुनबे पर अंतिम चोट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसके नातेदार और रिश्तेदारों की सूची बनाई गई है, जिस पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन सभी के खिलाफ कोर्ट में पुख्ता सबूत पेश किए जाने की योजना है। पुलिस की योजना है कि कोर्ट मैं ऐसे सबूत पेश किए जाएं, जिससे ये लोग कानूनी कार्रवाई से किसी भी स्थिति में बच नहीं पाएं।

वाराणसी जोन और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में मुख्तार के 11 रिश्तेदारों को लिस्टेड किया गया हैं। इन पर विभिन्न आरोपों में केस दर्ज हैं। मुख्तार के बेटे, बहू, पत्नी, भाई, साले, चचेरे भाइयों पर कई मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार का एक साला अताउर्रहमान लंबे समय से फरार चल रहा है। अन्य आरोपी जमानत पर हैं। मुख्तार अंसारी गिरोह का नाम गाजीपुर में पुलिस रिकॉर्ड में 14 अक्टूबर 1997 को दर्ज हुआ था। आईएस 191 के नाम से गैंग को चिह्नित किया गया है। उस समय गैंग में 22 सदस्यों के रहने की बात कही गई थी। अभी इस गैंग के 19 सदस्य बताए जाते हैं।

योगी सरकार में तेज हुई कार्रवाई

मुख्तार अंसारी के गिरोह पर लगातार कार्रवाई चल रही है। 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से अतीक अहमद गैंग के आर्थिक साम्राज्य को निशाने पर लिया गया। वाराणसी जोन से जुड़े जिलों में पिछले 6 सालों में करीब 307 करोड़ 08 लाख 64 हजार 497 रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। वहीं, 250 करोड़ 44 लाख 76 हजार 810 रुपए की संपत्ति ध्वस्त की गई है। 254 करोड़ 27 लाख 52 हजार 750 रुपए के अवैध धंधे को पुलिस ने बंद कराया है। इन कार्रवाई के जरिए मुख्तार गैंग की फंडिंग को रोकने का प्रयास किया गया है।

हथियारों के लाइसेंस भी रद्द

मुख्तार अंसारी, भाई अफजाल अंसारी, बेटे अब्बास अंसारी और गिरोह के अन्य सदस्यों पर भी लगातार शिकंजा कस रहा है। इनके 170 से अधिक हथियारों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। 165 हथियारों को जमा कराया गया है। शूटर बेटे अब्बास के हथियारों के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं। मुख्तार गैंग के 75 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। 10 नए गैंग को रजिस्टर्ड करते हुए 106 नए सदस्यों को चिन्हित किया गया है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों में 61 केस दर्ज हैं। इनमें से 23 केसों पर कोर्ट में मामला चल रहा है। लखनऊ कमिश्नरेट में 5, आगरा कमिश्नरेट में एक, बाराबंकी में 2, वाराणसी कमिश्नरेट में 2, पंजाब में एक और वाराणसी जोन में कुल 50 केस दर्ज हैं।

कोर्ट में लगातार सुनवाई

मुख्तार अंसारी के खिलाफ सरकार की ओर से लगातार कोर्ट में पैरवी चल रही है। गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट से 10 साल की सजा के ऐलान के बाद अब एक दूसरे केस में सुनवाई को पूरा कराया जा रहा है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के एक और मामले में शनिवार को एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्तार की ओर से लिखित बहस पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 20 मई की तारीख निर्धारित की है। वहीं, मोहम्मदाबाद मैं दर्ज हत्या के प्रयास के मामले के लिए 17 मई की तिथि तय की गई है। दोनों मामलों में मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई।

करंडा थाना क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मोहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। दोनों मामलों को गैंग चार्ट में शामिल किया गया था। हालांकि, मुख्तार अंसारी को कपिलदेव सिंह की हत्या के मामले में दोषमुक्त हो चुका है। वहीं, मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के प्रयास के मामले में कोर्ट में केस चल रहा है।

अवधेश राय मर्डर केस में भी सुनवाई

मुख्तार अंसारी के खिलाफ अवधेश राय मर्डर का केस भी तेजी आगे बढ़ रहा है। विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के जज अवनीश गौतम की अदालत में शनिवार को सुनवाई हुई। हत्याकांड के आरोपी मुख्तार अंसारी के पक्ष की ओर से तर्क दिए गए। प्रयागराज के वरिष्ठ वकील ताराचंद गुप्ता ने बहस की। मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी की ओर से इस मामले में आगे भी बहस जारी रहेगी। अगली सुनवाई के लिए 11 मई का डेट दिया गया है। इस सुनवाई के दौरान भी मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ। सुनवाई के दौरान कोर्ट में वादी पक्ष के अधिवक्ता अनुज यादव और एडीजीसी विनय कुमार सिंह भी मौजूद थे। दरअसल, अवधेश राय को लहुराबीर स्थित आवास के सामने 3 अगस्त 1991 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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