Today Breaking News

ग़ाज़ीपुर के किसान माधुरी तरबूज से कर रहे मोटी कमाई

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गंगा किनारे रेतीले खेतों में गाजीपुर और आसपास के क्षेत्रों के किसान इन दिनों तरबूज की फसल से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। तरबूज उत्पादक किसानों की आजकल पहली पसंद पसंद माधुरी नस्ल का तरबूज है। इस नस्ल के एक तरबूज का औसत वजन 8 से 12 किलो होता है। इसे उगाने वाले किसानों को मोटा मुनाफा हो रहा है।

ग़ाज़ीपुर के गंगा पार इलाके जिसमें भदौरा दिलदारनगर और गहमर शमिल है के किसान इन दिनों तरबूज की फसल उगा मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इस इलाके के किसान लीज पर जमीन लेकर तरबूज और खरबूज के साथ ही लौकी, भिंडी, कद्दू, खीरा और ककड़ी आदि की खेती कर रहे हैं। गहमर गांव के रहने वाले प्रशांत की मानें तो उन्होंने प्रयोग के तौर पर इस साल अपने खेतों में तरबूज की खेती कराई है।

कब तैयार हो जाती है फसल

बनारस से माधुरी नस्ल के तरबूज के बीज को लाकर उन्होंने अपने खेतों में बोया है। उन्होंने बताया कि जानकारी करने पर उन्हें मालूम हुआ कि माधुरी नस्ल के तरबूज के छिलके पतले होते हैं। एक फल की औसत वजन 8 से 12 किलो के बीच होता है। इस नस्ल को खेतों में बीज लगाए जाने के बाद 70 से 75 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।

तरबूज की बुआई में कितना आता है खर्चा

प्रशांत के अनुसार प्रति बीघा तरबूज बोने का खर्च लगभग 18 हजार के करीब आता है। जून के महीने से फलों की अंतिम रूप से हार्वेस्टिंग (तुडाई) शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि स्थानीय मार्केट के साथ ही तरबूज को किसान मिलकर बड़े ट्रक के माध्यम से वाराणसी, बिहार और झारखंड भेजते हैं।जिसे उन्हें लोकल मार्किट की तुलना में बेहतर रेट मिल जाता है। इसके साथ ही साथ वाराणसी के प्रसिद्ध पहाड़िया फल मंडी के जरिए बड़े व्यापारी भी तरबूज की बल्क (थोक) में खरीदारी के लिए संपर्क करते हैं।

तरबूज की फसल से तगड़ी कमाई

प्रशांत ने बताया कि क्षेत्र के किसानों के लिए यह एक तरह से कैश क्रॉप है। किसानों को तरबूज की फसल से अच्छी कमाई हो रही है। प्रशांत ने आगे बताया कि उनके इलाके के अन्य किसान भी धान गेहूं की पारंपरिक खेती से अलग हटकर फलों और सब्जियों की खेती करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

आलम यह है कि क्षेत्र के किसान 15 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से लीज पर जमीन लेकर भी सीजनल सब्जियों और फलों की खेती कर रहे हैं। जिसमें गर्मी में होने वाला तरबूज कमाई की दृष्टि से किसानों की पहली पसंद बना हुआ है।

'