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CCTV से लैस हों सभी थाने, तत्काल करें कार्रवाई, CM योगी बोले- रिस्पॉन्स टाइम और करें बेहतर

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की आपतकाल सेवा यूपी-112 और महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की 1090 सेवा के साथ तकनीकी सेवाओं के कार्यों की मंगलवार को समीक्षा की। उन्होंने आकस्मिक हेल्पलाइन नंबरों पर प्राप्त होने वाली हर सूचना को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आपातकालीन सेवाओं में क्विक रिस्पॉन्स जरूरी है। इसके लिए 112 का रिस्पॉन्स और बेहतर करें। साथ ही प्रदेश के सभी थानों को सीसीटीवी से लैस करें और हर शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करें।

आपातकाल सेवाओं से लोगों को मिला न्याय

यूपी और यहां आने वाले लोगों को कभी न कभी आकस्मिक परिस्थितियों में कहीं भी कभी भी पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराने में यूपी 112 सेवा उपयोगी सिद्ध हुई है। कुशल और समर्पित पुलिसकर्मियों ने यूपी 112 को लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप एक प्रोफेशनल सेवा के रूप में प्रस्तुत किया है। 112 के साथ 101, 108, 1090 और 181 आदि सेवाओं के एकीकरण, जीपीएस, रेडियो वायरलेस, मोबाइल/वेब एप जैसी तकनीक के प्रयोग ने इस सेवा को अत्यधिक व्यावहारिक बनाया है।

इस सेवा से जुड़े सभी पीआरवी कर्मी, ड्राइवर, तकनीकी सेवाएं दे रहे प्रोफेशनल्स, कॉल सेंटर कार्मिकों, सिविल पुलिस के कार्मिक व अधिकारी बधाई के पात्र हैं। 112 जैसी आकस्मिक सेवाओं की उपयोगिता उसके क्विक रिस्पॉन्स पर निर्भर करती है। पीड़ित के फोन कॉल करने और पीआरवी द्वारा उस तक मदद पहुंचाने में वर्ष 2016 में जहां औसतन 01 घंटे का समय लगता था, आज इसे 9:44 मिनट तक लाने में सफलता मिली है।

रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए वाहनों की संख्या और कार्मिकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। हर पीआरवी वाहन को जीपीएस डिवाइस से लैस किया जाए। बॉडी वॉर्न कैमरे मुहैया कराए जाएं।112 पर कॉल रिसीव करने की क्षमता को और बढ़ाया जाए।

जून 2016 से आज तक 112 पर मिली सूचनाओं में से 84 प्रतिशत का तत्काल घटनास्थल पर ही निराकरण कर दिया गया। पीआरवी वाहनों के खड़े होने की जगह स्थानीय जरूरतों के अनुसार तय की जाए।

वायरलेस की तरह प्रयोग होगा मोबाइल फोन, बाराबंकी से होगी शुरुआत

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी 1758 थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाए। यह कार्य प्राथमिकता के साथ तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। तकनीक के बदलते दौर में पुलिस संचार प्रणाली को भी अपडेट किया जाना चाहिए।

तकनीक की मदद से आज मोबाइल फोन वायरलेस सेट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। मोबाइल फोन और वायरलेस सेट के बीच संचार प्रणाली को अपनाया जाना चाहिए। उनके निर्देश पर यह तकनीक प्रारंभिक चरण में बाराबंकी पुलिस में लागू होगी।

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