बनारस में कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक रोपवे के लिए जमीनों की रजिस्ट्री शुरू
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के लिए जमीन की रजिस्ट्री बुधवार को शुरू हो गई। वाराणसी में आने वाले पर्यटकों को इस योजना से सुविधाएं मिलेंगी। हजारों लोग जाम के झाम में फंसने से बचेंगे और सीधे गोदौलिया तक पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनने वाले रोपवे के लिए जमीन की रजिस्ट्री बुधवार को हुईं। वाराणसी विकास प्राधिकरण के द्वारा चिन्हित किए गए जमीनों के काश्तकारों ने राजिस्ट्रा कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का शिलान्यास 24 मार्च को किया जा चुका है और इसका काम शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट में आने वाले सरकारी जमीनों को करीब 50 प्रतिशत हैंडओवर भी कर दिया गया है।
645 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा रोपवे
यह रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा होते हुए गोदौलिया तक बनाया जाना है। इस रुपए को बनाए जाने में करीब 645 करोड़ रुपए की लागत लगेगी। करीब 3.7 किलोमीटर की दूरी में बनाए जा रहे रोपवे के लिए 5 स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। देश का पहला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे जमीन से करीब 50 मीटर की ऊंचाई पर चलेगी।
रोपवे पर 150 ट्राली लगाए जाने की तैयारी है और एक ट्राली में 10 यात्री सवार हो सकेंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस प्रोजेक्ट के लिए 1.5891 हेक्टयर की जमीन का अधिकग्रहण किया जाना है। इसमें सरकारी जमीन 0.8068 हेक्टेयर की जमीन ली जा रही है। वही शेष 0.7823 हेक्टेयर की जमीन निजी और कुछ ट्रस्ट की है, जिनकी रजिस्ट्री की प्रक्रिया चल रही है।
वीडीए ने सभी जमीन मालिकों से बनाया समन्वय
वाराणसी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि प्रोजेक्ट में आने वाले करीब 14 से 15 जमीन के मालिकों से बात की जा चुकी है, प्रोजेक्ट में कुछ ट्रस्ट की जमीन भी आ रही है, जिनके रजिस्ट्री की प्रक्रिया उनके बोर्ड करेगा। निजी संपत्तियों के मालिकों ने अपनी सहमति जताई है, जल्द ही सब की रजिस्ट्री पूरा होने पर प्राइवेट जमीन को हैंड ओवर कर दिया जाएगा।