कृष्णानंद राय हत्याकांड: मुख्तार और अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर केस में आज आएगा फैसला
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में गाजीपुर कोर्ट शनिवार को सजा सुनाएगी। दरअसल, 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वांचल का माहौल काफी उग्र हो गया था। इसके बाद दोनों भाइयों पर साल 2007 में गैंगस्टर एक्ट लगाया गया। वहीं व्यापारी रुंगटा की हत्या और अपहरण के एक अन्य मामले में भी मुख्तार पर गैंगस्टर केस लगा था। गाजीपुर कोर्ट ने 23 सितंबर 2022 को मुख्तार पर दो मामलों और अफजाल पर एक मामले में आरोप तय किया था।
इससे पहले गाजीपुर की कोर्ट 15 अप्रैल 2022 को फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन जज के अवकाश पर चले जाने की वजह से अगली तारीख 29 अप्रैल 2023 तय की गई। बता दें कि पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में अंसारी बंधु 4 वर्ष पहले ही बरी किए जा चुके हैं।
अब आपको सिलसिलेवार तरीके से पूरा मामला बताते हैं...
गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 1985 से 2002 तक अंसारी बंधुओं का दबदबा रहा। यहां मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी का दरबार सजता था। वर्ष 2002 में भाजपा नेता कृष्णानंद राय ने अंसारी फैमली का विजय रथ रोकते हुए चुनाव जीता और विधायक बन गए। उन्होंने अफजाल अंसारी को 8 हजार वोटों से मात दी।
AK-47 से तकरीबन 500 राउंड फायरिंग
चुनावी परिणाम आने के तीन साल बाद 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक राय एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने जा रहे थे। टूर्नामेंट पास के गांव में था। इसलिए वे बुलेट प्रूफ गाड़ी की जगह सामान्य वाहन से चले गए। यहां से जब वो लौटने लगे, तब भावंरकोल की बसनिया पुलिया के पास एसयूवी गाड़ी उनकी गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई। विधायक और उनके साथी कुछ भी समझ पाते, इससे पहले ही एसयूवी से 8 लोग उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
AK-47 से तकरीबन 500 राउंड फायरिंग की गई। विधायक और उनके साथ गाड़ी पर सवार 6 लोग और गाड़ी भी छलनी हो गई। विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 शवों का जब पोस्टमॉर्टम हुआ, तो सभी के शरीर से कल 67 बुलेट मिलीं। मृतकों में विधायक के अलावा मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय थे।
कृष्णनंद की पत्नी ने किया था नामजद
इस हत्याकांड के बाद पूरा पूर्वांचल दहल उठा। विधायक के समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आए, जमकर आगजनी की गई। वहीं विधायक की पत्नी अलका राय ने मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी के अलावा मुन्ना बजरंगी, अताहर रहमान उर्फ बाबू, संजीव महेश्वरी को नामजद करते हुए इनके खिलाफ केस दर्ज करवाया। अलका चाहती थीं कि इस वारदात की जांच CBI करे। कुछ दिन तक सीबीआई ने केस की जांच की, लेकिन फिर इसे छोड़ दिया।
राजनाथ सिंह ने दिया धरना और मुख्तार ने किया सरेंडर
इस हत्याकांड के विरोध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। इसके बाद केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक रह चुके हैं। 2005 में मऊ में भड़की हिंसा में नाम सामने आने पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था।
चश्मदीद गवाह की रहस्यमय मौत
इस हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह शशिकांत राय थे। उनकी कुछ ही दिन बाद रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। मामले में जांच चली, लेकिन सबूत नहीं मिले। इसके बाद कृष्णानंद हत्याकांड के सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया।