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जज ने लिखा- सजा ऐसी मिले की न्याय का एहसास हो, अफजाल गैंग को संरक्षण देता है

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ''मुख्तार अंसारी का एक गैंग है, जो पैसे कमाने के लिए क्रिमिनल एक्टिविटी को अंजाम देता है। लंबे वक्त से यह गैंग ऑपरेट हो रहा है। किसी की मुख्तार के खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं होती है। अफजाल अंसारी भी इस गैंग का मेंबर है। वह आपराधिक कार्य करने वालों को संरक्षण देता है। इसलिए इन दोनों को समाज विरोधी क्रिया कलापों का दोषी माना जाता है।'' यह तल्ख टिप्पणी गाजीपुर MP/MLA कोर्ट ने शनिवार को अंसारी ब्रदर्स को सजा सुनाते हुए लिखी।

कोर्ट ने पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में दोषी मानते हुए 10 वर्षों की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया। जबकि उसके बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया।

सबसे पहले जानिए मामला क्या है

अंसारी भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या के 2 साल बाद दर्ज हुआ था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है। लेकिन, गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है।

23 सितंबर 2022 को दोनों भाई पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था। हालांकि, जज के छुट्‌टी पर जाने से सुनवाई टल गई थी। चलिए, आपको कोर्ट में क्या-क्या हुआ, उसे सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं...

सबसे पहले बात मुख्तार अंसारी की...

मुख्तार के खिलाफ 10 लोगों ने दी गवाही

गाजीपुर कोर्ट में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। मुख्तार के खिलाफ कुल 10 लोगों ने गवाही दी। इनमें 3 आम लोग और 7 पुलिसकर्मियों हैं। जबकि उसके डिफेंस में 3 लोगों ने गवाही दी।

कोर्ट ने सबसे पहले मुख्तार अंसारी का गैंग चार्ट देखा। इसमें दो मामलों में कुल 12 धाराएं लगाई गई थीं। पहला मामला गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज था। दूसरा वाराणसी के भेलूपुर थाने में दर्ज था।

गवाहों ने कोर्ट को बताया कि वे कई बार मुख्तार अंसारी के खिलाफ थाने जा चुके हैं। उन्होंने उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया। लेकिन समय-समय पर उनके आरोपों से मुख्तार बरी हो जाता रहा। वहीं पुलिसकर्मियों ने कोर्ट को बताया गया कि कई मामलों में मुख्तार का नाम सामने आता रहा है।

कोर्ट में बोला मुख्तार- मेरे खिलाफ सभी गवाह झूठे

मुख्तार ने कोर्ट में सभी साक्ष्य के रूप में उपस्थित हुए गवाहों को झूठा बताया। मुख्तार के मुताबिक, राजनीतिक दुश्मनी के चलते उसके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया। उसका कोई गैंग नहीं है और न ही वह किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।

वहीं, मुख्तार के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जिन मामलों के आधार पर मुख्तार पर गैंगस्टर लगा है, उसमें वह वर्षों पहले दोषमुक्त किया जा चुका है।

मुख्तार के खिलाफ अदालत की तीन बड़ी बातें

1. मुख्तार कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा

कोर्ट ने सभी साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए कहा, 'लगातार कई मामलों में आरोपी मुख्तार का नाम सामने आया है। यह पूरी तरह असामान्य है कि जो निरंतर 20-25 वर्ष विधायक चुना जाता रहा हो। उसके खिलाफ कई जिलों में 4 दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हों। उसके खिलाफ कोई आम जनता की गवाही प्रस्तुत करने का साहस कर सकता है। मुख्तार का व्यवहार अच्छा बताया गया है, लेकिन व्यवहार अच्छा होना और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होना अलग-अलग विषय हैं।

2. जो 25 साल से विधायक हो, उसके खिलाफ कौन गवाही देगा?

कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट है कि मुख्तार अंसारी का एक गैंग है। इस गैंग का उद्देश्य व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करना है। आर्थिक-भौतिक लाभ के लिए अपराध करना है। मुख्तार के खिलाफ कोई भी आम आदमी साक्ष्य प्रस्तुत करने की हिम्मत नहीं कर सकता है। इसलिए अंसारी को दोषी माना जाता है।

3. ऐसी सजा मिलनी चाहिए, जिससे पीड़ित को न्याय का एहसास हो

मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट से कहा कि 5 बार विधायक रहे अंसारी पर अधिकांश मामले राजनीतिक दुश्मनी से प्रेरित हैं। वो 15 वर्षों से जेल में है। ऐसे में न्यूनतम दंड से दंडित किया जाए।

इस दलील पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दंड ऐसा होना चाहिए, जिससे पीड़ित को यह एहसास हो कि उसे न्याय मिला है। ऐसे अपराधी की तरह मानसिकता रखने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए भी उचित दंड दिया जाता है।

अब बात अफजाल अंसारी की...

कोर्ट में अफजाल अंसारी के खिलाफ 7 पुलिसकर्मियों ने गवाही दी। वहीं डिफेंस में 3 लोगों ने गवाही दी। अफजाल पर गाजीपुर के भांवरकोल थाने में कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इसी केस के आधार पर अफजाल पर गैंगस्टर लगाया गया। अफजाल के वकील ने पुलिसकर्मियों की गवाही पर अपनी दलीलें दीं। उसने कहा कि अफजाल पर राजनीति दुश्मनी के चलते मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

अफजाल ने की दोष मुक्त किए जाने की अपील की

अफजाल के वकील ने कहा, ''पूर्व में उनके ऊपर लगे सभी आरोपों में अफजाल बरी हो चुके हैं। उनका कोई गिरोह या गैंग नहीं है।'' वहीं, अफजाल ने कोर्ट में खुद को दोष मुक्त किए जाने की अपील भी की गई।

अफजाल के खिलाफ अदालत की तीन बड़ी बातें

1. दो वर्षों तक मुहम्मदाबाद की स्थिति रही खराब

कोर्ट ने कहा कि विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद 2005 से 2007 तक मुहम्मदाबाद में शांति व्यवस्था और कानून व्यवस्था सामान्य नहीं थी। लोग थाने और न्यायालय में शिकायत करने से बच रहे थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष को इसके चलते अफजाल पर मुकदमा दर्ज करना पड़ा।

2. पॉलिटिशियन के 10-20 समर्थक होना बड़ी बात नहीं

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि डिफेंस में आए गवाहों ने अफजाल के आचरण के संबंध में गवाही दी है। जिससे लगता है कि वह इनके समर्थक हैं। किसी राजनीतिक व्यक्ति के 10-20 समर्थक होना कोई बड़ी बात नहीं है। इन गवाहों ने उनका अपराध में शामिल न होने का कोई प्रमाण नहीं दिया है। ये आम लोग प्रतीत होते हैं, जिनके पास से अफजाल के व्यक्तिगत कृत्यों की जानकारी मिलना असंभव है।

3. संदेश जा सके कि अपराध करने पर मिलती है गंभीर सजा

अफजाल के वकील ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा, ''अफजाल दो बार सांसद और कई बार विधायक रहे हैं। उसकी आयु 70 वर्ष के करीब है। उन्हें न्यूनतम से न्यूनतम दंड दिया जाए।'' इस पर कोर्ट ने कहा कि दंड देने का उद्देश्य समाज में यह संदेश देना भी होता है कि अपराध करने पर गंभीर सजा मिल सकती है। अफजाल पूर्व में अन्य मामले में दोष सिद्ध नहीं है। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए 4 वर्ष की सजा सुनाई जाती है।

अफजाल के राजनीतिक करियर पर लगेगा विराम

1985 से पूर्वांचल की राजनीति में सक्रिय रहे अफजाल अंसारी के राजनीतिक करियर पर अब विराम लग सकता है। सजा का ऐलान होते ही, अब उसकी लोकसभा सदस्यता रद्द की जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस संबंध में आदेश जारी करते हुए अग्रिम कार्रवाई करेंगे। सदस्यता जाने के बाद वे 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

फिल्मों के विलेन जैसा मुख्तार की धमकियों का पैटर्न: कहता- कहिए तो बेटी का अच्छे स्कूल में एडमिशन करवा दूं

मुख्तार अंसारी के धमकी देने का तरीका बाकी माफियाओं से एकदम अलग है। अमिताभ यश बताते हैं, जब वह जेल में होता है तो जेल के कर्मचारियों से कहता है कि आपकी बीवी फलां स्कूल में पढ़ाती हैं। बहुत अच्छा स्कूल है। बेटा देहरादून में पढ़ता है, आपकी बेटी लखनऊ के इस स्कूल में 8वीं में पढ़ती है। कहिए तो अच्छे स्कूल में करवा दूं। ये बाते लोगों के लिए जरूर नॉर्मल है लेकिन जो व्यक्ति सुरक्षा में लगा है उसका तो हलक सूख जाता है। इसलिए वह मुख्तार जो कहता है वही करने लगता है। मुख्तार ने इन जानकारियों के लिए बहुत सारे लोगों को लगा रखा है।

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