2 मासूम बेटों को खोने वाले सैनिक पिता का दर्द; पत्नी से मिलकर पूछना चाहता हूं, अपने ही बच्चों को कैसे काट दिया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मेरी पत्नी पढ़ना चाहती थी… उसे बीएड करवाया। उसको कभी किसी चीज के लिए नहीं रोका। उसने 2 बार यूपीटेट और 2 बार सीटेट क्वालीफाई किया। वह मन लगाकर पढ़ती थी। पढ़ाई न हो पाने की वजह से उसने बच्चों को अपने हाथों से काट दिया। मासूमों की गर्दन शरीर से अलग कर दी। मैं उससे मिलकर ये पूछना चाहता हूं, उसने ऐसा क्यों किया।" ये दर्द उस सैनिक पिता का है, जिसने अपने दो मासूम बच्चों का अपने हाथों से अंतिम संस्कार किया है।
पिता ने कहा, पत्नी नौकरी करना चाहती थी। मैं भी सोचता था मैं तो बाहर ही रहता हूं, ये नौकरी कर लेगी तो इसका मन लगा रहेगा। बच्चों के लिए भी अच्छा रहेगा। मैं तो खुद उसको नौकरी के फार्म के बारे में बताया करता था। वो एग्जाम भी दिया करती थी। मेरे मम्मी-पापा भी उसका पूरा सपोर्ट करते थे। मैं पत्नी के सहारे ही बच्चों को छोड़कर सीमा पर गया था। पता नहीं उसने ये कदम क्यों उठा लिया।
बच्चों के शव छूते हुए हाथ कांप रहे थे
पिता का कहना है, अपने बच्चों के शवों को छूते समय मेरे हाथ कांप रहे थे। मैं यकीन नहीं कर पा रहा था जिन बच्चों को 2 दिन पहले वीडियो कॉल पर हंसते हुए देखा था, अब उनके शव मेरे सामने रखे हुए हैं। बेबस पिता बार-बार अपने बच्चों को याद कर बिलख-बिलख कर रोने लगता है। साथ ही अपनी बेटी को सीने से चिपका लेता है।
आगे बढ़ने से पहले पूरा मामला पढ़ें-
गाजीपुर में शुक्रवार देर रात एक मां ने अपने दो बेटों की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी थी। एक बेटे की उम्र 9 साल थी, जबकि दूसरा बेटा 7 साल का था। वारदात के बाद मां ने एक का सिर बेड के सिरहाने और दूसरे का बगल वाले कमरे में छिपा दिया था।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद मौके पर कई थाने की फोर्स मौजूद थी। बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। शनिवार देर शाम पिता के घर पहुंचने के बाद दोनों बेटों का अंतिम संस्कार किया गया। ये घटना मरदह थाना क्षेत्र के हमीरपुर गांव की थी।
मरने वाले बच्चों का नाम हार्दिक और हैप्पी है। उनके पिता का नाम अजीत यादव है। अजीत की तैनाती जम्मू-कश्मीर में है। आरोपी मां का नाम नीतू यादव (36) है।
बच्चे तो सबसे ज्यादा अपनी मां के साथ खुश रहते हैं लेकिन मेरी पत्नी ने तो अपने ही बच्चों की हत्या कर दी...
दो बच्चों का अंतिम संस्कार करने के बाद अजीत पूरी तरह से टूट चुका है। वो घर के एक कोने में बैठकर बस रोता रहता है। वो बार-बार बोलता है, मुझे एक बार मेरी बीवी से मिलवा दो। मैं जानना चाहता हूं क्या कमी रह गई थी जो उसने इतना घिनौना काम कर दिया। पूरे परिवार को उसने तबाह कर दिया।
अजीत बताता है, फोन पर अक्सर नीतू कहती थी…बच्चे उसको पढ़ने नहीं देते हैं। उसको परेशान करते हैं। तब मैं उसको समझाता था। मैं कहता था, बच्चे हैं वो तो ये सब करेंगे ही, तुम उनके स्कूल के समय पर पढ़ाई कर लिया करो।
लेकिन तब मुझे ये नहीं पता था कि परेशान होकर वो इतना बड़ा कदम उठा लेगी। बच्चे तो अपनी मां के पास ही खुश रहते हैं लेकिन मेरी पत्नी ने तो अपने बच्चों को ही मार दिया।
नौकरी नहीं मिलेगी तो मैं तुम सभी को मार डालूंगी
अजीत अपनी बच्ची परी को देखते हुए बोलता है कि ये बता रही थी, पापा मां 4 दिन पहले बोल रही थी कि नौकरी नहीं मिलेगी तो मैं तुम सभी को मार डालूंगी। उन्होंने हम लोगों को मारा भी था। तब हम लोग डर कर दादा-दादी के पास चले गए थे। मां पढ़ाई करने लगी थी। पता नहीं उसको नौकरी की ऐसी कौन सी भूख थी जो वो अपने बच्चों को ही खा गई।
नीतू शादी के इतने साल बाद भी हमें समझ नहीं पाई
यहां घर पर मम्मी पापा उसका बहुत ख्याल रखते थे। मेरी मां घर का काम कर देती थी। जिससे वो पढ़ाई कर सके। पापा बच्चों को अपने साथ रखते थे। उससे कोई भी कुछ नहीं बोलता था। सब चाहते थे, उसकी नौकरी लग जाए।
पढ़ाई की वजह से उसको पीठ और गर्दन में बहुत दर्द होता था। हम लोगों ने उसका इलाज भी करवाया था। जिससे उसकी पढ़ाई में कोई दिक्कत न आ पाए। शादी के इतने साल बाद भी वो हम लोगों को समझ ही नहीं पाई।
मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूं वो कैसे अपने ही बच्चों को मार सकती है। नीतू के साथ मुझे बिताए हुए पल बार-बार याद आ रहे हैं। मैंने कभी उसके लिए कोई कमी नहीं छोड़ी। फिर भी उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? मैं अपने दोनों बच्चों को बिना देखे रह नहीं पा रहा हूं।
1 महीने पहले ही मैं घर से छुट्टी बिताकर गया था
अजीत आगे बताते हैं, बेटे हैप्पी का खिलौना देखकर उसकी बहुत याद आ रही है। मन कर रहा है बेटे को गोद में उठा लूं। अभी 1 महीने पहले ही घर से छुट्टी बिताकर गया था। अपने बच्चों के साथ तब खूब मस्ती की थी। तब ये नहीं पता था अब जब दोबारा घर जाऊंगा तो बच्चों की लाश मिलेगी।
मैंने दो बच्चों की गर्दन काट दी है, वो स्कूल नहीं जाएंगे
वहीं अजीत के पिता राम बचन यादव ने बताया, मैं ही रोज बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेने जाता था। उस दिन मैं और मेरी पत्नी सुबह उठे। मेरी पत्नी बच्चों का नाश्ता और टिफिन बनाने लगी। वहीं मैं नहा कर तैयार हो गया। कुछ देर बाद बहू कमरे से बाहर आई और बिना कुछ बोले नहाने चली गई। तब हमें लगा हो सकता है, बहू बच्चों को बाद में स्कूल के लिए उठाए।
लेकिन ऐसा नहीं था…जब बहू बाथरूम से बाहर निकली तो मैंने उससे पूछा, बच्चे कहां हैं? स्कूल नहीं जाएंगे क्या आज? अभी तक उठे नहीं, सब ठीक है न। इसके बाद मेरी बहू ने जो जवाब दिया वो सुनकर मैं 2 मिनट के लिए शांत हो गया।
मेरी बहू बोली, मैं दोनों बेटों की गर्दन काट दी है। अब वो लोग स्कूल नहीं जाएंगे। ये सुनकर मेरी पत्नी किचन से बाहर आ गई। वो बहू से बोली, ये तुम क्या बोल रही हो। जिस पर मेरी बहू ने कहा, सच बोल रही हूं। बेड के पास और बगल वाले कमरे में उनका सिर रखा हुआ है। मेरी पत्नी बहू पर चिल्लाने लगी।
हम लोग कमरे में गए तो बच्चों के सिर मिले...
गुस्से में आकर बहू किचन में गई और चाकू से अपनी गर्दन काटने जा रही थी लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। मैंने उसको ऐसा करने से रोक लिया। जिसके बाद वो मेरे साथ मारपीट करने लगी। हम लोगों ने बहुत मुश्किल से उसको कमरे में बंद किया। उसके बाद हम लोग कमरे में गए तो बच्चों के सिर मिले।
हम लोगों ने इसकी जानकारी छोटे बेटे और आसपास के लोगों को दी। पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। वहीं अजीत की मां ने बताया, बहू अक्सर बच्चों को पढ़ाई न कर पाने की वजह से मारती थी। लेकिन ये नहीं पता था वो बच्चों को इतनी बेरहमी से मार देगी।
साल 2011 में हुई थी नीतू और अजीत की शादी
बता दें, अजीत और नीतू की शादी साल 2011 में हुई थी। साल 2008 में आर्मी में भर्ती होने के बाद अजीत ने शादी की थी। नीतू मऊ के एकौना गांव की रहने वाली थी। नीतू हमेशा से पढ़ाई करना चाहती थी।
इसीलिए शादी के बाद भी वो पढ़ाई कर रही थी। वहीं नीतू के पति अमित यादव जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हवलदार की पोस्ट पर तैनात हैं। अजीत का छोटा भाई भी है। जिसका नाम अमित है। वो घर पर रहकर खेती-किसानी करता है।