58 घंटों में बेटा, अतीक अहमद और भाई खत्म...हत्या के बाद पूरे यूपी में हाई अलर्ट
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. पिछले 58 घंटों के भीतर अतीक, उसका बेटा असद, और भाई अशरफ दुनिया से रुखसत हो चुके हैं। असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को गुरुवार दोपहर 12 बजे पुलिस ने झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया था। अतीक की पत्नी शाइस्ता फरार है। बहनोई अखलाक और अतीक के दो बेटे जेल में हैं और दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में। माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की रात करीब 10:30 बजे पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दोनों को मेडिकल के लिए प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां इमरजेंसी के सामने तीन युवकों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावरों ने दोनों माफिया भाइयों को गोलियां मारने के बाद हाथ उठाकर सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन पिस्टल बरामद की हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि प्रयागराज में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
हॉस्पिटल के बाहर तीन युवकों ने किया हमला
शनिवार शाम करीब 7:30 बजे धूमनगंज थाने में अतीक और अशरफ से एसटीएफ और यूपी एटीएस के अधिकारी पूछताछ कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार और कारतूस अतीक के घर से कुछ दूरी पर स्थित कसारी मसारी के जंगल में छिपाए गए हैं। हथियार बरामदगी के लिए दोनों को लेकर पुलिस टीम तुरंत रवाना हो गई।
उनकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने कसारी मसारी के जंगल में एक खंडहर से हत्या में इस्तेमाल दो पिस्टल बरामद कीं। इनमें एक पिस्टल मेड इन अमेरिका है। पुलिस को 55 से अधिक कारतूस भी मिले। इनमें पांच कारतूस पाकिस्तान ऑर्डिनेंस निर्मित बताए जा रहे हैं। हथियारों की बरामदगी के बाद पुलिस टीम पहले दोनों को धूमनगंज थाने ले गई। फिर वहां से करीब एक घंटे बाद रूटीन मेडिकल चेकअप करवाने के लिए कॉल्विन हास्पिटल लेकर आई। वहां मेडिकल से पहले अतीक मीडिया वालों को बयान दे रहा था।
सिर से सटाकर मारी पहली गोली
मीडियाकर्मियों ने अतीक से बेटे के जनाजे में न पहुंच पाने को लेकर सवाल पूछा तो उसने जवाब दिया कि ये लोग ले ही नहीं गए। इस बीच गुड्डू मुस्लिम को लेकर एक सवाल पूछा गया तो जवाब दे रहे अशरफ के मुंह से गुड्डू मुस्लिम का नाम ही निकला था कि मीडियाकर्मियों के बीच में मौजूद एक युवक ने एकाएक अतीक के करीब आकर उसके सिर से सटाकर गोली मार दी। अतीक तुरंत जमीन पर गिर पड़ा। अशरफ कुछ समझ पाता इससे पहले दो और युवक आए और उन्होंने अशरफ और जमीन पर पड़े अतीक पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। फायरिंग शुरू होते ही पुलिस और मीडियाकर्मियों में भगदड़ मच गई। अतीक और अशरफ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
अतीक अहमद और अशरफ को पुलिस कस्टडी में कैसे मारा गया, विचलित कर सकता है यह वीडियो
दम तोड़ते ही किया सरेंडर
तीनों हमलावरों ने उनके दम तोड़ते ही धार्मिक नारे लगाते हुए हाथ उठाकर सरेंडर-सरेंडर की आवाज लगाई। पुलिस के दो सिपाहियों ने दौड़कर उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया और तत्काल वहां से साथ लेकर निकल गए। हमलावरों की शिनाख्त लवलेश तिवारी उर्फ नवीन, अरुण मौर्या और सनी के रूप में हुई है। पुलिस उनकी पड़ताल करने में जुट गई है। हमलावरों की फायरिंग में कॉन्स्टेबल मानसिंह और मीडियाकर्मी शैलेष पांडेय भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने मौके से तीन लावारिस बाइक, विडियो कैमरा और हमलावरों के पास से आईडी बरामद की हैं। माना जा रहा है कि बरामद बाइक हमलावरों की हैं।
#WATCH| Prayagraj, UP: DM and Police Commissioner's convoy patrolling the area where Atiq Ahmed and his brother Ashraf were shot dead yesterday pic.twitter.com/l4mtCBuWxM
— ANI (@ANI) April 16, 2023
#WATCH | "Police were taking them for medical check-up. Gunshots were heard when we entered the hospital.....": Vijay Mishra, Atiq Ahmed's advocate on Atiq Ahmed and his brother Ashraf shot dead pic.twitter.com/uc2PY5bEGk
— ANI (@ANI) April 15, 2023
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वारदात का संज्ञान लेते हुए तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन का भी निर्देश दिया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) एसपी गोयल, डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, स्पेशल डीजी (एलओ) प्रशांत कुमार समेत कई अफसर मौजूद रहे। सीएम ने मौके पर स्पेशल डीजी और प्रमुख सचिव (गृह) को प्रयागराज जाने को कह दिया है। स्वाट की टीम को भी प्रयागराज में तैनात कर दिया गया है।
माफिया अतीक अहमद, उसके परिवार और गैंग ने एक के बाद एक दुस्साहसिक वारदात कर प्रयागराज और उसके आसपास के जिलों में दहशत कायम की। उमेश पाल हत्याकांड को मिलाकर अकेले अतीक अहमद के खिलाफ 43 साल के दौरान 100 से अधिक मामले दर्ज हुए थे। इनमें अतीक के खिलाफ हत्या के 14, गैंगस्टर के 12, गुंडा ऐक्ट के चार, आर्म्स ऐक्ट के आठ मामले थे। मजबूत पैरवी न होने, गवाहों के टूटने और राजनीतिक संरक्षण होने के कारण करीब आधे मामलों में वह छूट गया।
अतीक के खिलाफ कोर्ट में 50 आपराधिक मामले विचाराधीन थे, इनमें से छह हत्या के हैं। अतीक ने 1989, 91, 93 में निर्दलीय और 1996 में सपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव जीता। वर्ष 2004 में सपा के टिकट पर वह फूलपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद तक पहुंचा। अतीक के भाई अशरफ पर भी 53 केस थे। वह 2005 में इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर हुए उपचुनाव में जीत कर विधानसभा पहुंचा था।
अतीक की हत्या पर किसने क्या कहा
अतीक और अशरफ की हत्या पर यूपी सरकार ने लेागों से शांति बनाए रखने की अपील की है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरेआम हत्या पर यूपी की कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे 'योगी की नाकामी' बताया।