गाजीपुर सरकारी विद्यालयों की 15 लाख किताबें पहुंची, नए सत्र में शुरू में ही मिलेंगी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग ने किताबों की मुकम्मल व्यवस्था कर दी है, जिसकी खेप गाजीपुर पहुंच चुकी है। बहुत जल्द ही परिषदीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं के हाथों में नए सत्र की नई किताबें देखने को मिलेंगी। पिछले साल किताबों की कमी के चलते विभाग लगातार सुर्खियों में बना रहा और तमाम छात्र पुरानी पुस्तकों से पठन-पाठन करने को विवश रहे।
इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने सत्र शुरू होने से पहले ही किताबों की मुकम्मल व्यवस्था करने के साथ ही साथ उसे ब्लॉक स्तर और विद्यालय स्तर पर पहुंचाने का भी कार्य शुरू कर दिया है। आंकड़ों की मानें तो इस साल अब तक कक्षा 4 से 8 तक की करीब 15 लाख किताबें विभाग को प्राप्त हो चुकी हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 3 लाख विद्यार्थियों के लिए किताबों से लदकर उनके विद्यालयों तक पहुंचाते वाहन आजकल सड़कों पर अक्सर देखने को मिल रहे हैं। इन दिनों जिलों के सभी ब्लॉकों में किताबें पहुंचाई जा रही हैं। पिछले सत्र में विधानसभा चुनाव के कारण टेंडर प्रक्रिया में लेट होने के कारण किताबें समय से नहीं छप पाई थीं और पिछले सत्र में छात्रों को किताबों की आपूर्ति पूर्ण रूप से नहीं हो पाई थी, जिसके चलते बहुत सारे विद्यालयों में पुरानी किताबों से सत्र का संचालन हुआ।
जिले को मिलीं 15 लाख किताबें
वहीं कुछ ऐसे भी विद्यालय रहे जहां पर बिना किताब का सत्र संचालन हुआ। इन्हीं सब को देखते हुए इस बार बेसिक शिक्षा विभाग, जिसका शिक्षा सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है, इससे पहले ही जिले में किताबों की आपूर्ति करना शुरू कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग की माने तो कक्षा चार से आठ तक की करीब 15 लाख किताबें सभी विषयों की जिले को प्राप्त हो चुकी हैं, जिसमें से करीब पांच लाख से ऊपर किताबें ब्लॉक पर भेज दिया गया है।
जल्द भेजी जाएंगी किताबें
शेष किताबें भी जल्द ही भेज दी जाएंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि इस बार के सत्र में छात्रों को किताबों से वंचित नहीं रखा जाएगा। बताते चलें कि गाजीपुर में कुल 2269 परिषदीय विद्यालयों में करीब तीन लाख से ऊपर छात्र अध्ययनरत हैं। वहीं अब 1 अप्रैल से शिक्षा का नया सत्र शुरू होने पर स्कूल चलो अभियान के तहत सभी विद्यालयों में अभियान चलाकर एडमिशन की संख्या बढ़ाए जाने पर जोर दिया जाएगा।