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बारिश संग ओलों से किसानों पर आफत, 17 जिलों में फसलों को भारी नुकसान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. उत्तर प्रदेश में हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से कम से कम 17 जिलों में फसलों को काफी नुकसान होने का आकलन किया गया है। वाराणसी, सोनभद्र, प्रयागराज समेत सात जिलों में फसलों को 33 फीसदी तक नुकसान का अनुमान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फील्ड सर्वे करके नुकसान का आकलन करने, पीड़ित किसानों को मुआवजा देने और समस्याओं को निपटाने के आदेश दिए हैं।

रविवार-सोमवार की रात प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश हुई, जो सोमवार सुबह तक जारी रही। इस दौरान काफी जगहों पर ओले भी गिरे। शनिवार-रविवार को भी कई जिलों में बारिश हुई थी। बारिश की वजह से जहां मौसम की तपिश पर कुछ लगाम लगी है, वहीं, किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।

प्रदेश सरकार से मिली रिपोर्ट के मुताबिक आगरा, बहराइच, औरैया, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा, मथुरा, मऊ, मीरजापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर, सोनभद्र और वाराणसी में फसलों के नुकसान का आकलन किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाकी जिलों में हल्की बारिश हुई है, उससे फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। वाराणसी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार सभी किसान भाइयों के साथ है और उनकी हर संभव सहायता की जाएगी।

प्रदेश में हो रही बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि के कारण जनहानि, पशुहानि व फसलों के नुकसान का आकलन करवाकर मुआवजा, राहत वितरण अधिकारी तत्काल करें। अगर कहीं जलभराव हुआ है तो उसे तत्काल खत्म करवाया जाए।- योगी आदित्यनाथ, सीएम

भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करवाया जा रहा है। इसके आधार पर किसानों को क्षतिपूर्ति होगी। जिन इलाकों में ओलावृष्टि या भारी बारिश हुई है उनके लिए सहायता नंबर किए गए हैं। जिसपर किसान सूचना दे सकते हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही सरकारी नौकरी भी दे।

दो दिनों में मांगी नुकसान की रिपोर्ट

राहत आयुक्त कार्यालय ने सभी जिलों से बारिश से हुए नुकसान के आकलन की रिपोर्ट दो दिनों में तलब की है। राहत आयुक्त पीएन सिंह ने आदेश दिए हैं कि जनहानि, पशुहानि और फसलों को नुकसान का आकलन किया जाए। आपदा मोचक निधि से नई दरों के तहत भुगतान किया जाए।

72 घंटे के भीतर दें नुकसान की सूचना

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा है कि फसलों के नुकसान की सूचना किसानों को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनियों को देनी होती है। नुकसान की सूचना प्रदेश स्तर पर स्थापित संयुक्त टॉल फ्री नंबर 18008896868 पर दी जा सकती है। उन्होंने आदेश दिए हैं कि कृषि विभाग के अधिकारी बीमा कंपनियों के साथ मिलकर सर्वे करवाएं और नुकसान का आकलन करें। उन्होंने बताया कि टॉल फ्री नंबर पर किसानों की 3000 से ज्यादा शिकायतें अलग-अलग जिलों से दर्ज की जा चुकी हैं। सर्वे का काम दस दिन के भीतर अनिवार्य तौर पर पूरा करवाया जाए।

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