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जिला महिला अस्पताल गाजीपुर में दुर्व्यवस्थाओं का अंबार, दलालों के मकड़जाल में फंसने को मरीज विवश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सरकार के लाख दावों के बाद भी जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सुधरती नजर नही आ रही है। कुछ ऐसी ही हालत गाजीपुर जिला महिला अस्पताल की भी नजर आ रही है। जहां अस्पताल में व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं के चलते महिला मरीजो को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

गाजीपुर जिला महिला अस्पताल में हर रोज बड़ी तादात में महिलाएं स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज के लिए आती हैं,लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महिला अस्पताल में आने वाली महिला मरीजों को अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के चलते निजी हॉस्पिटलों का सहारा लेना पड़ रहा है। इतना ही नही महिला अस्पताल में दलालों के मकड़जाल फैला है। दुर्गेश बताते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों के ये दलाल पूरे दिन अस्पताल परिसर में चक्कर लगाते रहते है। जो मरीजों और उनके तीमारदारों को बहला फुसला कर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराने की कोशिश में जुटे रहते है। इन दलालों से अस्पताल के कुछ डॉक्टरों और स्टाफ की मिलीभगत जगजाहिर है।

रजनीकांत के मुताबिक महिला मरीजों और उनके तीमारदारों की माने तो महिला अस्पताल के कुछ डॉक्टर और महिला चिकित्सक अस्पताल में अच्छी दवाएं न होने का बहाना कर बाहर से दवाएं और इंजेक्शन खरीदने के लिए मरीजों और तीमारदारों को मजबूर करते हैं।

महिला अस्पताल के ठीक सामने दवाओं की तमाम दुकाने मौजूद है। इन दुकानों के एजेंट महिला अस्पताल में दिन और रात घूमते रहते है। जिनकी स्टाफ और डॉक्टरों से मिलीभगत रहती है। डॉक्टर एक सादे कागज पर दवाएं,इंजेक्शन लिखते है। जिन्हें दुकानों के एजेंट फौरन दिलाने का दावा कर मरीजों को दुकान तक पहुँचा देते है। बताया जाता है कि इन एजेंट द्वारा डॉक्टरों को बाहर की दवा लिखने पर भरपूर कमीशन दिया जाता है।

महिला अस्पताल में सुरक्षा की भी बेहद कमी है,और अवांछनीय तत्वों का बेरोक टोक अस्पताल में घूमना आम बात है। जिसके चलते महिला मरीजों और महिला तीमारदारों में भय का माहौल बना रहता है।

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