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जेल के अंदर 3 महीने से रोजाना मिल रहे थे मुख्तार के बहू-बेटे, जांच में खुले कई राज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी लगभग तीन माह से अपनी पत्नी निखत से मिल रहा था। नवंबर, 2022 में अब्बास की निखत से जेल के भीतर मुलाकातों का सिलसिला आरंभ हुआ था। पहले दोनों की मुलाकातों का वक्त बढ़ा और फिर जेल अधिकारियों की कृपा से इसकी मियाद बढ़ती ही चली गई।

डीआइजी जेल, प्रयागराज रेंज शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय ने अपनी जांच रिपोर्ट कारागार मुख्यालय को सौंप दी है। उनकी संस्तुतियों के आधार पर निलंबित जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय समेत सात कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया गया है। शासन जल्द ही निलंबित जेल अधीक्षक अशोक सागर को नोटिस देकर जवाब तलब करेगा।

डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि विभागीय जांच के अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। एक माह में दोषियों के विरुद्ध और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। डीआइजी जेल की जांच रिपोर्ट में निलंबित अधिकारियों व कर्मियों के अलावा कुछ अन्य कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है, जो सबकुछ जानते हुए भी लापरवाह बने रहे और गड़बड़ी की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी।

सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि अब्बास जेल में नवंबर माह से पत्नी निखत से मिल रहा था। दिसंबर माह में निखत ने चित्रकूट में किराये का मकान लिया था। इसके बाद निखत जेल के भीतर अब्बास से मिलने जाने लगी। मोबाइल फोन से भी दोनों में बात होती थी। जेल अधीक्षक व उनके किसी अधीनस्थ ने इसे लेकर कभी कोई जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों से साझा नहीं की। न ही पहले अब्बास की जेल बदले जाने की ही कोई संस्तुति की गई। 10 फरवरी को जब पुलिस ने जेल में छापा मारा, तब पूरा मामला सामने आया।

पूरे मामले में जेल वार्डर जगमोहन सिंह की भूमिका बेहद गंभीर पाई गई है। सूत्रों का कहना है कि वह मुख्तार गिरोह के कई सक्रिय सदस्यों के संपर्क में था। बागपत जेल में जब वर्ष 2018 में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई थी, तब जगमोहन बागपत जेल में ही तैनात था। हालांकि जेल की फुटेज पुलिस द्वारा सील किए जाने की वजह से जांच अधिकारी उसे देख नहीं सके।

यह हुए थे निलंबित :

डीआइजी जेल की जांच के बाद चित्रकूट जिला जेल के अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय, हेड जेल वार्डर मुलायम सिंह, जगदीश प्रसाद व जेल वार्डर जगमोहन सिंह, सत्येंद्र कुमार व अभय प्रताप सिंह को निलंबित किया गया था। इसके बाद अब्बास अंसारी की जेल भी बदल दी गई थी। अब वह कासगंज जेल में निरुद्ध है।

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