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गाजीपुर में अधिकारियों-कर्मचारियों को हार्ट-अटैक के बारे में दिया प्रशिक्षण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के तमाम अधिकारियों/कर्मचारियों को विपरीत परिस्थितियों में हृदयगति रूकने के बाद जीवन रक्षा करने के उद्देश्य से वाराणसी से आए राजकीय चिकित्साधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी द्वारा प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के बाद जिला विकास अधिकारी एंव जिला दिव्यांग शक्तिकरण अधिकारी नरेन्द्र विश्वकर्मा ने डा0 द्विवेदी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।

डॉ शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेंशन (सीपीआर) इमरजेंसी की हालत में इस्तेमाल की जाने वाली एक मेडिकल थिरेपी है। इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। इससे कार्डियक अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी अपात स्थित में व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रूक जाती है।

कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में किसी को सांस नहीं आता

फिर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में किसी को सांस नही आता है, तो सीपीआर दिया जाता है। इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं। इससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है। इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। अगर व्यक्ति की सांस या घड़कन रूक गई है तो पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाए बहुत जल्द खत्म होने लगती है। वही इसका असर दिमाग पर पड़ता है। वही इसका असर दिमाग पर पड़ता है। इससे कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में अगर सीपीआर दिया जाता है तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।

हार्ट अटैक में लोगों की दिनचर्या बन रही कारण

उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में मुख्य रूप से लोगों की दिनचर्या कारण बन रही है। इसके साथ ही बीते दिनों कोरोना महामारी के कारण लोग प्रभावित हुए थे और उनके फेफड़े इस बीमारी के चलते प्रभावित हुए जोकि हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में एक प्रमुख वजह बन रहे हैं।

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