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वंदे भारत एक्सप्रेस में लगेंगे स्लीपर कोच - रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में स्लीपर कोच की भी व्यवस्था होगी। इस योजना को साकार करने में करीब 13 महीने का वक्त लगेगा। स्लीपर कोच लगने के बाद इसकी दूरी भी बढ़ाई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार सुबह कैंट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने यात्रियों के साथ सेल्फी खिंचवाई और उनसे रेल सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की।

काशी-तमिल संगमम् में आयोजित कार्यक्रम में हुए शामिल

बाद में बीएचयू के एंफीथिएटर में बने काशी-तमिल संगमम् में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां छात्रों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि तमिल संगमम् एक्सप्रेस प्रतिदिन चलाई जाएगी। उन्होंने बताय कि 10 साल पहले देश में एक दिन में मात्र चार किमी नई रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी। अब एक दिन में 12 किलोमीटर नया ट्रैक बनाया जा रहा है। जल्द ही इसे 20 किमी तक ले जाएंगे। इससे आने वाले कुछ वर्षों में नए रेलवे ट्रैक का संजाल तैयार हो जाएगा, रेलवे की क्षमता का विस्तार होगा। इसके बाद ट्रेनों में वोटिंग का झंझट ही खत्म हो जाएगा और भीड़ भी कम हो जाएगी।

आधुनिक सुविधाओं से लैस 475 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाएंगी: वैष्णव

उन्होंने कहा कि पूरे देश में आधुनिक सुविधाओं से लैस 475 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि छोटे स्टेशनों का एकीकृत विकास किया जाएगा। अगले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर अहमदाबाद, गांधीनगर, लखनऊ के चारबाग, चेन्नई, बेंगलुरु कैंट, मदुरई सहित देश के 50 रेलवे स्टेशन के लिए केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। 45 रेलवे स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता

वैष्णव ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। देश के 100 विश्वविद्यालयों में 5-जी लैब बनाए जाएंगे। यहां इसकी तकनीक से जुड़े कार्यों के साथ ही मैन्युफैक्चरिंग, उपकरणों के प्रयोग आदि पर काम किया जाएगा। अभी हर सप्ताह 2,500 टावर बनाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अगले साल जनवरी तक 10 हजार टावर प्रति सप्ताह बनाए जाएंगे।

बीएचयू के छात्रों को बुलेट ट्रेन का काम देखने का न्योता, स्पेशल ट्रेन भेजने के निर्देशरेल मंत्री ने बीएचयू के छात्रों को बुलेट ट्रेन के लिए हो रहे कार्यों को देखने के लिए न्योता दिया। उन्होंने रेलवे जीएम को निर्देश दिया कि इसके लिए स्पेशन ट्रेल की व्यवस्था की जाए।

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