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गाजीपुर के डिलीवरी ब्वाय अभिषेक यादव ने किया BHU टॉप, मिलेगा स्वर्ण पदक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. जो संसाधनों का रोना रोते हुए जिंदगी में पिछड़ जाने का बहाना बनाते हैं, उनके लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र अभिषेक यादव उदाहरण हैं। उन्होंने साबित कर दिखाया कि दिल में जज्बा और लगन हो तो हर राह आसान हो जाती है। हर मंजिल हासिल हो जाती है। स्विगी, जोमैटो (Swiggy, Zomato Delivery boy) के डिलीवरी ब्वाय का काम करते हुए उन्होंने बीएचयू में टाप। 10 दिसंबर को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्हें गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा।

Swiggy, Zomato Delivery boy

गाजीपुर जिले (Ghazipur) के नंदगंज (Nandganj) क्षेत्र के धनईपुर गांव के रहने वाले अभिषेक यादव ने प्राचीन इतिहास विषय से एमए में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर टाप किया है। वैसे यह जानना रोचक होगा कि 12वीं तक वह विज्ञान के विद्यार्थी थे। उनका मन शुरू से ही इतिहास या आर्ट्स विषय में ही रमा हुआ था लेकिन घरवालों के दबाव में विज्ञान ले लिया, मगर कालेज में प्रवेश लेते वक्त उन्होंने अपना मन पसंद विषय चुन लिया। संघर्ष को जीवन का हिस्सा मानने वाले अभिषेक बताते हैं कि जब मैं पैदा हुआ तो मेरे दिल में छेद था।

इलाज के लिए पिता सुशील कुमार सिंह यादव हम सबको लेकर मुंबई चाचा शिवानंद के पास मुंबई चले गए। पिता नौसेना में थे। वह भी वहीं नौकरी करने लगे। दो साल की उम्र में मेरे दिल का आपरेशन हुआ। वह शायद मेरा पहला संघर्ष था। आर्थिक परेशानियां भले ही मैंने बचपन से देखी है लेकिन पिता नौसेना में होने की वजह से मुझे केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने का मौका मिला। मुंबई से बिशाखापट्टनम शिफ्ट हो गए तो भी वहां मुझे केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश मिल गया। 12वीं के बाद मैंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में एशियन हिस्ट्री, पोलिटिकल साइंस और हिंदी विषय लेकर स्नातक में प्रवेश लिया। मेरा लक्ष्य बीएचयू में प्रवेश लेना था।

उम्मीद थी कि टाप थ्री में रहूंगा

अभिषेक बताते हैं कि टॉप करूंगा, ऐसी तो उम्मीद नहीं थी लेकिन चूंकि तीसरे सेमेस्टर में सेकंड था, इसलिए उम्मीद थी कि टाप थ्री में रहूंगा। वह कहते हैं किसी भी विषय में टाप करने के लिए विषय की जानकारी के साथ-साथ आपके जवाब देने या लिखने का तरीका बहुत अहम है। मैं तैयारी करते वक्त इस बात पर बहुत फोकस करता हूं कि मैं उस जवाब के कैसे प्रस्तुत करूं कि सब उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर लिखित परीक्षा में यह बहुत मायने रखता है। स्नातकोत्तर में भी मैंने ऐसे ही तैयारी की थी।

मां व टीचर की प्रेरणा, रूममेट का सहयोग

अभिषेक कहते हैं हमेशा कठिन परिश्रम करके ऊंचाइयां छूने के लिए मां ने प्रेरित किया तो महादेव पीजी कालेज चिरईगांव में बीए में पढ़ाईं अध्यापिका डा. रेखा सिंह ने बीएचयू से पीजी के लिए प्रेरणा दी। रूममेट मुरलीधर ने मेरी पढ़ाई में काफी सहयोग किया। मैं काम पर जाता तो रात को मेरे लिए नियमित रूप से खाना रखता था। मेरी हर छोटी-बड़ी जरूरतों का ध्यान रखता था ताकि काम करने की वजह से मेरी पढ़ाई में कोई नुकसान न हो। बाहरी दुनिया से लड़ने के लिए मेरे दो मित्रों रोहित पटेल और राकेश कुमार का सहयोग मिला।

दिल्ली में रहकर करेंगे सिविल सेवा की तैयारी

अभिषेक इन दिनों दिल्ली आए हुए हैं। उन्होंने डीयू में बीएड की प्रवेश परीक्षा दी है, परिणाम की प्रतीक्षा है। वह बताते हैं कि अब मैं यहीं रहकर सिविल सेवा की तैयारी करूंगा। ...और खर्च उठाने के लिए यहां भी डिलीवरी ब्वाय का काम जारी रहेगा।

मेरे जैसे बच्चों को पढ़ने में दिक्कत नहीं आए, उनके लिए काम करना चाहता हूं

प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा रखने वाले अभिषेक कहते हैं यदि मैं चयनित हो गया तो मैं उन बच्चों के लिए काम करना चाहता हूं, जिन्हें मेरी तरह पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जैसे बीएचयू में एक व्यवस्था है। अर्न बाय लर्न...इसमें गरीब बच्चे वहीं काम कर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकते हैं। हालांकि मुझे इसमें मौका नहीं मिला लेकिन इस व्यवस्था को और बेहतर व सभी कालेजों में बनाकर बच्चों को सहारा दिया जा सकता है।ऐसे ही हमारे कालेज परिसर में बाबा विश्वनाथ का एक मंदिर है, जहां भोजन वितरण होता है, लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं है। मैं ऐसे ही व्यवस्थाओं को लोगों के लिए उपलब्ध करवाना चाहता हूं।

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