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स्नानार्थियों की भीड़ को संभालने के लिए कैंट स्‍टेशन से रेलवे को चलानी पड़ी स्पेशल ट्रेन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कार्तिक पूर्णिमा व चंद्र ग्रहण पर आस्था की डुबकी लगाने बनारस आए श्रद्धालुओं की भीड़ से कैंट रेलवे स्टेशन पूरी तरह पटा रहा। क्षमता से अधिक भीड़ को सम्‍भालने में प्रशासन के पसीने छूट गए। हालात ऐसी कि मुख्य यात्री हाल और प्लेटफार्म पर जगह नहीं बची।

सारनाथ एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस और सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस सहित छपरा, सीवान व मुजफ्फरपुर जाने वाली ट्रेनों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। ट्रेन के स्लीपर और वातानुकूलित बोगियों तक में जनरल जैसी स्थिति रही। स्थिति को देखते हुए रेलवे प्रशासन को विशेष ट्रेन (04208) चलानी पड़ी। यह ट्रेन कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह से वाया गाजीपुर, बलिया, छपरा के रास्ते मुजफ्फरपुर तक गई। कैंट बस स्टेशन पर भी खूब भीड़ रही।

कार्तिकी नहान और मोक्ष स्नान की डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा का स्नान के लिए काशी आए श्रद्धालुओं ने एक साथ दो पुण्य लाभ लिए। भोर से सुबह 8.10 बजे तक कार्तिकी स्नान की अंतिम डुबकी लगाई तो शाम को चंद्रमा के ग्रहण से मुक्त होने का स्नान किया। हालांकि मंदिरों के पट बंद होने से खूब भीड़ झेलनी पड़ी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में कंधे छिलने की स्थिति तो संकट मोचन व काल भैरव मंदिर में मंगलवार और सीमित समय होने से दोनो पहर रेला उमड़ा।

हालांकि पूर्णिमा तिथि सोमवार शाम 3.53 बजे ही लग गई थी, अतः लोगों ने सायंकाल गंगा, वरुणा व गंगा-गोमती संगम तट पर त्रिपुरोत्सव (देवदीपावली) की छटा देखी। रात में महोत्सव का समापन होने के साथ पुण्य की डुबकी लगी ली। वहीं तमाम ऐसे रहे जिन्होंने मंगलवार को उदयातिथि का इंतजार किया और सुबह स्नान-दान कर मास पर्यंत चलने वाले स्नान की पूर्णाहुति की।

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