गाजीपुर DM ने सड़कों की मरम्मत न होने पर जातई नाराजगी, ठेकेदारों पर होगी FIR
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में अधूरे विकास कार्यों को लेकर डीएम ने नाराजगी जताई है। उन्होंने ठेकेदारों पर काम पूरा करने को लेकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा नरियांव उर्फ उमरगंज में ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजना के पूर्ण होने की तिथि 2018 थी, जिसकी भौतिक प्रगति 62 प्रतिशत होने पर तथा उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम लि. निर्माण खण्ड ईकाई वाराणसी द्वारा पुलिस लाइन में 150 पुलिस कर्मियों हेतु बैरक जी-8 का निर्माण कार्य पूर्ण करने की तिथि फरवरी 2021 थी, जिसकी भौतिक प्रगति 44 प्रतिशत निकली। दोनों ही काम को अधूरा देख जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सम्बन्धित ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर रविवार शाम तक कॉपी प्रस्तुत करने का निर्देश दिये।
बजट पूरा कराने के निर्देश
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन-जिन निर्माण कार्यों की धनराशि उपलब्ध है तथा प्रगति कम है। वहां मजदूरों की संख्या बढ़ाते हुए कार्य में प्रगति लाया जाये तथा जिन परियोजनाओ में बजट का अभाव है, उसे शासन को पत्राचार कर बजट का आवंटन किया जाये।
निर्देश के बाद भी नहीं बनी सड़कें
जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्र की सड़कों को जिसका एक सप्ताह पूर्व निरीक्षण कर गड्ढामुक्त कराने का निर्देश दिया था, उस पर अभी तक कोई भी कार्य प्रारम्भ न होने की स्थिति में नाराजगी व्यक्त करते हुए 20 नवम्बर 2022 की तारीख देकर सड़कों को सही करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि काम पूरा न होने पर अगली एफआईआर सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध की जायेगी। उन्होंने लोक निर्माण के तीनों खण्ड के अधिकारियों को जनपद में गड्ढामुक्ती की प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
कई विभागों के कार्यों की समीक्षा
जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने आवास विकास, सीएनडीएस, जल निगम जौनपुर, लोक निर्माण विभाग, यूपी सिडको, प्रोजेक्ट कार्पोरेशन वाराणसी, आजमगढ़, सीएलडीएफ गाजीपुर,उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी लि. कार्यदायी संस्थाओ द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में जिलाधिकारी ने उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी लि. गाजीपुर के परियोजना प्रबन्धक अनिल कुमार सिंह के बैठक में अनुपस्थित होने पर स्पष्टिकरण तथा जिला उद्यान अधिकारी एंव जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के अनुपस्थित होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एक दिन वेतन काटने का निर्देश दिया।