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यूपीपी आवास निगम के ठेकेदार पर होगी एफआईआर - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. रायफल क्लब सभागार में शनिवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने 50 लाख से ऊपर बजट की निर्माणधीन परियोजनाओं की समीक्षा की। डीएम की बैठक में अधिकारियों की मनमानी भी दिखी तो ठेकेदारों की पोल भी खुली। सूचना के बावजूद श्रम विकास सहकारी लिमिटेड गाजीपुर के परियोजना प्रबन्धक अनिल कुमार सिंह बैठक में नहीं पहुंचे। वहीं जिला उद्यान अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने भी डीएम की बैठक को गंभीरता से नहीं लिया। यह पहला मौका नहीं जब डीएम की बैठक से अधिकारी बिना सूचना के अनुपस्थित मिले लेकिन डीएम के प्रति अनदेखी का रवैया साफ है। हालांकि डीएम ने अनिल सिंह से स्पष्टीकरण मांगा तो जिला उद्यान और अल्पसंख्यक अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटा।

मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं की योजनाओं की प्रगति और बदतर हालात देखते हैं तो गाजीपुर का रुख करिए। सरकारी विभागों की जिम्मेदार संस्थाओं की कार्यशैली ऐसी की परियोजनाएं अधर में लटकी हैं। किसी के काम पूरे करने की निर्धारित समयावधि बहुत करीब है तो किसी परियोजना में गुजरी अवधि के औसत में काम 50 फीसदी भी नहीं हुआ। 

परियोजनाओं पर समीक्षा में इसका खुलासा हुआ ही अगर भौतिक सत्यापन कराया जाए तो प्रगति की असली तस्वीर भी उजागर हो जाएगी। जिलाधिकारी ने आवास विकास, सीएनडीएस जल निगम जौनपुर, लोक निर्माण विभाग, यूपी सिडको, प्रोजेक्ट कार्पोरेशन वाराणसी, आजमगढ़, सीएलडीएफ गाजीपुर, उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी लि कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे कार्यो की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। 

इसमें उप्र जल निगम द्वारा नरियांव उर्फ उमरगंज में ग्रामीण पाईप पेयजल परियोजना जिसके कार्य पूर्ण होने की तिथि 2018 थी, जिसकी भौतिक प्रगति 62 प्रतिशत ही मिला। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम लिमिटेड निर्माण खण्ड ईकाई वाराणसी की ओर से जनपद गाजीपुर के पुलिस लाईन में 150 पुलिस कर्मियों हेतु बैरक जी-8 का हाल जाना। पता चला कि निर्माण कार्य पूर्ण करने की तिथि फरवरी 2021 तक होनी थी जिसमें पैसा पूरा प्राप्त होने पर भी भौतिक प्रगति 44 प्रतिशत है। जिसपर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित ठेकेदार के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देते हुए रविवार शाम तक एफआईआर की कॉपी प्रस्तुत करने को कहा।

जिलाधिकारी ने कहा कि कि जिन-जिन निर्माण कार्यों की धनराशि उपलब्ध है और प्रगति कम है, वहां मजदूरों की संख्या बढाते हुए कार्य में प्रगति लाया जाए। जिन परियोजनाओं में बजट का अभाव है उसे जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को पत्राचार कर बजट का आवंटन किया जाए। निर्माण कार्य मानक के अनुरूप एवं गुणवत्तापुर्ण कार्य कराने का निर्देश दिया। 

जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में धनावंटन के बाद भी कम प्रगति वाले कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को निर्धारित समय के अन्दर पूरा करने की बात कही। बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता, संख्याधिकारी शैलेन्द्र मिश्रा, सम्बन्धित कार्यदायी संस्था एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी एंव कर्मचारी उपस्थित थे।

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