उत्तर प्रदेश में सच होगा अपने घर का सपना, सस्ते घर बनाएगी योगी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी सरकार शहरी लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक अफोर्डेबल आवास बनाएगी। इसके लिए नई टाउनशिप नीति में इसकी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आवास विभाग द्वारा प्रस्तुत नई नीति को देखने के बाद यह निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण में सर्वसुविधायुक्त कंवेंशन सेंटर बनाएं। इसके लिए जल्द प्रस्ताव दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के नियोजित व सुस्थिर विकास के लिए आवास और उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक है। विगत साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न व मध्यम आय वर्गों के लिए अफोर्डेबल आवासों की मांग सबसे अधिक है, इसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि आवास बनाने के लिए भूमि पहली जरूरत है। निवेशकों को भूमि की उपलब्धता आसानी से हो सके, इसके लिए भूमि जुटाव की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना जरूरत है। भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और सरल किया जाए। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए विभिन्न स्वीकृतियों व अनापत्तियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए। भूमि का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘वर्टिकल डेवलपमेंट’ को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक किया जाना चाहिए। 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजना में लीड मेम्बर की रियल एस्टेट में अनुभव की अनिवार्यता का प्रावधान हो।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा मुहैया हो सके। साथ ही, ग्राहकों के साथ भू-स्वामियों व किसानों के हितों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही उसकी पूर्णता की समय-सीमा भी तय होनी चाहिए। यह समय-सीमा सुस्पष्ट हो और सभी के लिए बाध्यकारी हो। योजना की शुरुआत के समय कुल परियोजना क्षेत्रफल की न्यूनतम भूमि के सम्बंध में स्पष्ट प्रावधान हो।
विगत दिनों शासन स्तर पर विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। भविष्य के दृष्टिगत हमें नए शहरों के स्थापना-विकास की दिशा में नियोजित प्रयास करना होगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन शहरों के स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।