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कुत्तों के हमले में बाइक सवार परिवार गड्ढे में गिरा, बेटियों को आई गंभीर चोट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. नगर निगम के अफसरों की संवेदनहीनता ने एक परिवार के जीवन पर भारी पड़ जाती है। आवारा कुत्तों को पकडऩे में विफल साबित हो रहे नगर निगम के कारण ही कुत्तों का खौफ बढ़ता जा रहा है। कल रात की घटना ने कुत्तों के हमले ने एक परिवार को गड्ढे में गिरा दिया। राजाजीपुरम के रूपम चौराहा के पास बीती रात बाइक सवार पर‍िवार को अवारा कुत्तों ने दौड़ा लिया, जिससे बाइक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे खुदे पीएनजी गैस लाइन के गड्ढे में जा गिरी और दंपती व दोनों बेटियां घायल हो गईं।

पीड़ित राशिद अली बीती रात राजाजीपुरम ई ब्लाक अपनी बहन रूबी इजहार के घर से वापस अपने घर लौट रहे। रूपम चौराहे के पास आवारा कुत्तों ने हमला बोल दिया। कुत्तों से बचने में राशिद की बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पीएनजी गैस लाइन के गडढे में जा ग‍िरी। इससे पत्नी निशा खान, बेटी अमायरा फातिमा व जुनैरा फातिमा सहित गड्ढे में गिर गए। राशिद अली व पत्नी निशा खान को मामूली चोटें व बेटी अमायरा फातिमा व जुनैरा फातिमा को गंभीर चोटें आई हैं। बाइक अभी भी पीएनजी पाइप लाईन के गड्ढे में पड़ी हुई है।

हमलावर हैं शहर में हैं 95 हजार आवारा कुत्ते

रात में दोपहिया वाहन से निकलने से पहले सतर्क होना पड़ता है कि कहीं कुत्तों के झुंड हमला न बोल दें लेकिन नगर निगम कुत्तों को पकडऩे के बजाय गायों व बछड़ों को पकड़कर खुद से अपनी पीठ थपथपा रहा है। यही कारण है कि कुत्ता पकडऩे की टीम सिर्फ कागजों में है।

सड़कों पर घूम रहे कुत्तों की संख्या 95 हजार के आसपास पहुंच गई है। यह हाल तब है, जब 46 हजार कुत्तों की नसबंदी का दावा भी किया जा रहा है। ऐसे में नसबंदी भी सवालों के घेरे में आ गई है और कुत्तों की संख्या घटने के बजाय बढ़ ही रही है। संख्या से कुत्तों के हमले की घटनाएं भी बढ़ रही है। नसबंदी का यह काम नगर निगम की अनुबंधित संस्था ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल की तरफ से दिसंबर 2019 से किया जा रहा है और कई करोड़ भी खर्च हो चुके हैं।

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