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गाजीपुर में जान जोखिम में डालकर लोग कर रहे नाव की सवारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सेवराई के बारा में गंगा घाट पर पीपा पुल के अब तक नहीं बनने से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है। गंगा उस पार बांड़ क्षेत्र में किसानों की हजारों एकड़ भूमि की बोआई व सिंचाई अधर में लटक गई है। ग्रामीणों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रीय लोगों सहित किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मजबूरी में लोग जान जोखिम में डालकर नाव का सहारा ले रहे हैं।

बाढ़ के कारण संचालन पर लगी थी रोक

बारा में गंगा घाट पर जनवरी में पीपा पुल का निर्माण हुआ था। इससे सेवराई तहसील सहित बिहार प्रांत के लोगों को मुहम्मदाबाद एवं बलिया जाने में आसानी हो गई थी। समय व खर्च दोनों की बचत हो गई। गंगा के बढ़ते जलस्तर और आई बाढ़ के कारण उसके संचालन पर रोक लगा दिया गया। जिसे नवम्बर 15 तक कम्प्लीट कर संचालन करना था। लेकिन इस बार देरी के कारण लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि विभाग द्वारा पीपा लगाने के लिए टेंडर और अन्य विभागीय कार्रवाई पूरी की जा चुकी है।

स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी पूरी

बारा के किसानों की हजारों एकड़ भूमि गंगा उस पार बांड़ में है। खेती के लिए किसानों को रोजाना गंगा उस पार आना - जाना पड़ता है। नाव से गंगा पार कर आना- जाना एक दुरूह कार्य है। इस क्षेत्र के दर्जनों किसानों का कहना है कि नियमानुसार 15 अक्टूबर तक पीपा पुल बन जाना चाहिए था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है। जेई अमित यादव ने बताया कि प्रांतीयकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। टेंडर होने पर पीपा पुल का निर्माण ठेकेदार शुरू कराएगा। प्रयास है कि जल्द से जल्द पीपा पुल बन जाए।

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