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गाजीपुर में महिला बंध्यारणे को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह, लक्ष्य से कोसों दूर महकमा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जमानियां में महिला बंध्याकरण को लेकर स्वास्थ्य महकमा लापरवाह बना हुआ है। परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग के द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में दिए गये बंध्याकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में स्वास्थ्य महकमा काफी पीछे है। ऐसे में सरकार की परिवार नियोजन की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।

साल 2022/23 में शासन द्वारा महकमे को 1565 महिला बंध्याकरण का लक्ष्य दिया गया। जिसके सापेक्ष में अब तक महज 100 महिलाओं का ही इस अभियान के तहत बंध्याकरण हो सका है, जो कुल लक्ष्य का महज 6.25 फीसदी है। इससे पता चलता है कि महकमा सरकार के निर्देशों व योजनाओं को लेकर लापरवाह है।

इसके पहले बीते 2021/22 वित्तीय वर्ष में भी स्वास्थ्य महकमा लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका था। सरकार के द्वारा उस दौरान 1470 के लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष में मात्र 1190 महिलाओं का ही बंध्याकरण हो सका जो कुल लक्ष्य का 81 फीसदी है। लोगों का कहना है कि महकमा कभी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका है।

ग्रामीणों का कहना है कि केंद्रों पर सुविधाएं न होने से बहुत सी महिलाएं घंटों इंतजार के बाद वापस व्यवस्था को कोसते हुए अपने घर लौट जाती है। महिला बंध्याकरण के लिए तीन सदस्यीय मोबाइल टीम तो बनी है लेकिन यह भी अपने उद्देश्य में सफल होती नहीं दिख रही है। जिन केन्द्रों पर महिलाओं को बंध्याकरण के लिए बुलाया जाता है वहां का ऑपरेशन कक्ष मानक से कोसों दूर होता है। नसबंदी के बाद दी जाने वाली दवाओं को लेकर भी शिकायतें हैं, प्रचुर व जरूरी दवाओं का घोर अभाव है, ऐसे में मरीजों को बाहर से मंहगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।

इस संम्बध में सी एम ओ डाक्टर हरगोविंद सिंह ने बताया कि जिले से गठित टीम के द्वारा लेप्रोस्कोपी विधि से बंध्याकरण किया जाता है। वहीं प्रोत्साहन के तौर पर महिलाओं को तीन हजार की धनराशि दी जाती है। बताया कि बंध्याकरण के लक्ष्य में लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ कार्यवाई की जायेगी.

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