अब्बास अंसारी हमारे विधायक नहीं...ओमप्रकाश राजभर ने झाड़ा पल्ला, अखिलेश पर लगाया बड़ा आरोप
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर मऊ सदर सीट से विधायक चुने गए अब्बास अंसारी के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में आने के बाद सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने उन्हें अपनी पार्टी का विधायक मानने से ही इनकार दिया है। उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ चुके राजभर ने रविवार को आरोप लगाया कि अब्बास को टिकट दिलाना सपा मुखिया अखिलेश यादव की साजिश थी। इसके साथ ही यूपी की राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है। यूपी चुनाव में दौरान अखिलेश यादव ने माफियाओं से परहेज किया था। टिकट देने के मामले में भी इस बात का ध्यान रखा। लेकिन, अब राजभर के खुलासे ने अखिलेश यादव के सामने सवाल खड़ा कर दिया है।
यूपी चुनाव 2022 के बाद कुछ ही दिनों तक सपा और सुभासपा का गठबंधन चला। रिजल्ट के बाद राजभर लगातार अखिलेश यादव पर निशाना साधते रहे। बाद में अपनी राह अलग कर ली। इसके बाद भी अब्बास अंसारी उनके साथ नजर आए थे। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी अब्बास अंसारी और राजभर को एक साथ देखा गया। लेकिन, मऊ के एक अस्पताल में एक मरीज को देखने पहुंचे राजभर ने संवाददाताओं से बातचीत में सदर विधायक अब्बास अंसारी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अब्बास अंसारी हमारे विधायक नहीं हैं। दरअसल, वह अखिलेश यादव के हैं। केवल विधिक तौर पर पार्टी का चुनाव चिन्ह लेने के कारण ही वह हमारी पार्टी के विधायक कहला रहे हैं। अब्बास सपा का ही झंडा लगाकर घूमते थे।
ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने डमी प्रत्याशियों को सुभासपा का टिकट दिलवाकर पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश को बहुत घमंड हो गया था कि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में उनकी सरकार बन रही है, इसलिए उन्होंने डमी उम्मीदवार देकर मुझे खत्म करने का प्रयास किया। कुछ जगहों पर बहुत कहने-सुनने के बाद ही मजबूत उम्मीदवारों को सुभासपा के कोटे से टिकट दिया गया।
विधानसभा चुनाव में सपा नीत गठबंधन की सरकार नहीं बनने पर गठजोड़ से अलग हुए राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश ने जिस सीट पर सुभासपा को टिकट दिया, वहां यही चाहा कि पार्टी हार जाए, लेकिन वह उनके दांव को समझ नहीं पाए थे। दरअसल, सुभासपा ने सपा नीत गठबंधन में शामिल होकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सुभासपा के विजेता उम्मीदवारों में माफिया राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी भी शामिल थे।
ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अब्बास से पूछताछ कर रही है। अब्बास के खिलाफ गलत तरीके से हथियार खरीदने समेत कई अन्य आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उन्होंने हाल ही में आत्मसमर्पण किया था। अब वे ईडी के शिकंजे में हैं। ऐसे में ओम प्रकाश राजभर ने अब्बास अंसारी से अपने संबंधों को एक तरीके से खत्म कर दिया है।