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राष्ट्रीय लोक अदालत में 62802 मामले निस्तारित - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्वाधान में शनिवार को दीवानी न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप जलाकर उद्घाटन किया। अदालत में लंबे समय से लंबित हजारों वादों की सुनवाई हुई। सभी में वादकारी प्रस्तुत हुए और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सुनवाई में भागीदारी की। 62 हजार 802 मामले शाम तक निस्तारण सूची में दर्ज किए गए, शेष पर अगली तारीख लगाकर निस्तारण की कवायद तेज की गई।

शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के सभागार में जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कहा कि लोक अदालत में न केवल मुकदमों का निस्तारण किया जाता है, बल्कि पक्षकारों के मध्य परस्पर बैमनस्यता भी समाप्त हो जाती हैं। कम समय में अधिक वाद निस्तारण के लिए लेाक अदालत का स्वरूप बनाया गया और छोटे वादों का निस्तारण सहूलित देता है। 

नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतू नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। पूर्णकालिक सचिव कामायनी दूबे ने बताया कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रान्ति आई है और लोगो में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 109511 मामले निस्तारण के लिए नियत किये गये थे, जिसमें से सुलह समझौतें एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 87095 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गये। राजस्व विभाग आदि के 6531 मामलें, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 17762 मामलें तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 62802 मामलें निस्तारित किये गये।

लोक अदालत में कुल 146553773 रूपय की धनराशि के संबंध में आदेश पारित हुए। दीवानी न्यायालय द्वारा कुल 82729394 रूपय के संबंध में आदेश पारित किया गया तथा राजस्व न्यायालयों एवं बैंक में कुल 63824379 रूपय के संबंध में सुलह-समझौता हुए। लोक अदालत की सफलतापूर्वक समाप्ति पर नोडल अधिकारी द्वारा समस्त न्यायिक अधिकारीगण, वादकारीगण, अधिवक्तागण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 98 वाद निस्तारित किये गये व कुल-54525000 रूपय की धनराशि के संबंध में आदेश पारित किया गया। प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय की अदालत में 59 वाद निस्तारित किये गए गए। जिसमें से एक मामले में पति-पत्नी में सुलह कराकर न्यायालय से एक साथ विदा किया गया।

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