गाजीपुर में 15 हजार का इनामिया गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी के मामले में छल रहा था फरार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में सोमवार को पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने लाखों के घोटाले और ठगी के मामले में फरार चल रहे उपेंद्र राय को गिरफितार किया है। उपेंद्र थाना क्षेत्र के गोंडउर गांव का मूल निवासी है। उस पर 15 हजार का इनाम भी घोषित है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं में कई मुकदमे शामिल हैं।
खुद को जयपुर स्थित एक कंपनी का डायरेक्टर बताता था
उपेंद्र के खिलाफ मलाड वेस्ट मुम्बई में 52 लाख की ठगी, गबन की तहरीर दी गई थी। शिकायत राहुल शर्मा नाम के व्यक्ति की ओर से की गई थी। पुलिस ने इस केस की विवेचना के दौरान पाया कि उपेंद्र लखनऊ में अपनी पत्नी और साली के साथ गोमती नगर के एक निजी टावर के फ्लैट संख्या 303 में रह रहा है। वह फर्जी तरीके से जयपुर स्थित एक कंपनी का खुद को डायरेक्टर बताकर राहुल शर्मा नाम के व्यक्ति 52 लाख ऐंठ लिया था। इस पैसे के बदले इलेक्ट्रिक बस सप्लाई करने की डील हुई थी।राहुल के पैसा वापस मांगने पर उपेंद्र, राहुल को जान से मारने की धमकी दे रहा था। इस मामले में कोर्ट की तरफ से उपेंद्र के खिलाफ सितंबर माह में गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। जिसका तमिला पुलिस ने करा दिया था।
कोर्ट ने कुर्की का आदेश पारित किया था
इसके साथ ही साथ 82 सीआरपीसी की नोटिस भी जारी होने के बाद खुद को न्यायालय में पेश नहीं कर रहा था। इसके बाद कुर्की का आदेश कोर्ट की ओर से पारित किया गया था। तब उपेंद्र ने खुद को पुलिस के हवाले किया। उपेंद्र पर 15 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। लखनऊ और गाजीपुर मिलाकर उपेंद्र पर कई मुकदमे दर्ज हैं ।उपेंद्र लंबे समय से लखनऊ के गोमती नगर में ही अपने पत्नी और साली के साथ रह रहा था।उपेंद्र पर कुल 9 मुकदमे दर्ज है।इनमे से कुछ गाजीपुर और कुछ लखनऊ में है।
लखनऊ के विभूति खंड में भी मुकदमा दर्ज है
साल 2012 में उपेंद्र ने 20 लाख रुपए लेकर किसी को पुरानी मशीनें दिलाने का वायदा किया था। लेकिन वह अपने वादे से मुकर कर पूरे रुपए का गबन कर गया। इसको लेकर लखनऊ के हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसके खिलाफ खिलाफ 2014 लखनऊ के विभूति खंड में भी मुकदमा दर्ज है। उसके खिलाफ रेखा रानी नाम की महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी।
महिला के साथ बदसलूकी करने का आरोप है
इसमें फ्लैट का किराया न देना एवं महिला के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया गया था। 2015 में विनोद मिश्र नाम के व्यक्ति ने खुद के साथ मारपीट और छीना झपटी का आरोप लगाते हुए लखनऊ में ही मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उपेंद्र पर सभी मुकदमे साल 2022 में ही दर्ज कराए गए हैं ।जिसमें इलेक्ट्रिक बस कंपनी के फर्जी तौर पर निदेशक बन पैसे ऐंठने के भी मामले शामिल हैं। पिछले एक दशक में उपेंद्र लोगों से झूठ बोलकर और धोखाधड़ी के जरिए करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए थे।