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गाजीपुर में निकाय चुनाव में अंसारी बंधु के गढ़ में सेंधमारी की चुनौती, पिछले चुनाव में दो पर जीतीं थी बीजेपी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही सियासी बिसात पर शतरंज बिछनी शुरू हो गई है। जिले में तीन नगर पालिका परिषद और पांच नगर पंचायतें हैं। पिछले चुनाव में अफजाल अंसारी के बसपा में होने से दो नगर पालिका और दो नगर पंचायतों पर पार्टी को जीत मिली थी।

भाजपा के एक नगर पालिका और एक नगर पंचायत में ही ठौर मिल सकी। अब भाजपा के लिए अंसारी बंधु के गढ़ को भेंदने की चुनौती है। संभव है कि इस बार अंसारी बंधु विधानसभा चुनाव की तरह ही बसपा की बजाय पर्दे के पीछे से साइकिल चलाएं और साइकिल पर ही अपने करीबियों को बैठाकर चुनाव लड़ाएं।

वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। तीन नगर पालिकाओं में से सिर्फ सदर व पांच नगर पंचायत में से सादात में भगवा फहर सका था। मुहम्मदाबाद, बहादुरगंज, सैदपुर व जमानियां में बसपा जीती थी। तब सपा सरकार होने के बावजूद सपा का खाता भी नहीं खुला था। दरअसल, तब अंसारी बंधुओं ने वर्ष 2012 में अपना खुद का कौमी एकता दल बनाया था।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से टिकट न मिलने पर अंसारी बंधु ने बसपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद उन्होंने अपने करीबियों को बसपा से टिकट दिलाकर चेयरमैन जिताया था। तब अंसारी बंधुओं का प्रभाव रहा कि बसपा के चार चेयरमैन जीत गए थे। हालांकि बाद में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर चेयरमैनों ने अंसारी बंधुओं से किनारा करना शुरू किया।

निर्दल के रूप में जीते दिलदारनगर चेयरमैन अविनाश जायसवाल ने भाजपा का दामन थाम लिया। इस बार वैसे तो अफजाल अंसारी बसपा से सांसद है। हालांकि विधानसभा चुनाव में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने बसपा का प्रचार नहीं किया। उनके भाई व पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी का बेटा डा. सुहैब अंसारी मुहम्मदाबाद सीट से सपा के विधायक हैं।

ऐसे में एक बार फिर निकाय चुनाव में वह अपने करीबियों को मैदान में किसी भी पार्टी से उतारेंगे। कारण कि आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले निकाय चुनाव में जीत काफी हद तक लोकसभा में मजबूती दिलाने का काम करेगी। यहीं वजह है कि भाजपा ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। अब राजनीतिक रणनीतिकारों को एक सवाल मथ रहा है कि क्या बसपा पिछले चुनाव वाला प्रदर्शन कर पाएगी। भाजपा के लिए अंसारी बंधु के किलेबंदी को ढहाने की चुनौती भी सामने होगी।

पिछले चुनाव में निकाय का परिणाम

सदर- सरिता अग्रवाल( भाजपा)

मुहम्मदाबाद -शमीम अहमद (बसपा)

जमानियां- एहसान जफर (बसपा)

नगर पंचायत

जंगीपुर-विजयलक्ष्मी (निर्दल)

सादात-प्रमिला (भाजपा)

बहादुरगंज-निकहत परवीन (बसपा)

सैदपुर-सरिता सोनकर (बसपा)

दिलदारनगर-अविनाश जायसवाल (निर्दल-अब भाजपा)

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