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सैनिक सम्मान के साथ जवान का हुआ अंतिम संस्कार - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के तहसील क्षेत्र मुहम्मदाबाद के सुरतापुर गांव के सैनिक का पार्थिव शरीर शनिवार को पैतृक आवास पर तिरंगे में लिपटकर पहुंचा। सेना के वाहन में सैनिकों की गारद शहीद का शव लेकर पहुंची तो कस्बे में कोहराम मच गया। हजारों लोगों ने वीर जवान के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। हजारों लोगों ने जवान के पार्थिव शरीर के साथ तिरंगा लेकर अंतिम यात्रा निकाली और उनके आवास पर भारी भीड़ जुटी रही। विधायक सुहैब अंसारी और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने जवान को पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया।

सुरतापुर निवासी राम छबीला सिंह यादव आईटीबीपी में कार्यरत थे। पिछले दिनों हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। राम छबीला सिंह की 3 से 4 साल तक की सेवा शेष रह गई थी। कुछ दिनों पहले जब वह गांव आए थे, तब उनकी राम छबीला सिंह से भेंट हुई थी। वह सामान्य परिवार से थे। उनके सेना में सेवारत होने के बाद उनके घर की माली हालत कुछ हद तक सुधरी थी। इस समय उनकी तैनाती अरुणांचल प्रदेश में थी। शनिवार को पूरे सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया। राम छबीला सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा, उनके गांव और आसपास के गांव के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। तिरंगा में लिपटा जवान का अंतिम दर्शन करने वाले गमगीन ही दिखे। 

इसके बाद सेना की गारद ने सशस्त्र गार्ड आफ आनर देकर विदाई दी। पैतृक आवास से गंगा घाट तक जवान की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। हर जाति धर्म और सभी वर्ग के सैकड़ों लोग हाथों में तिरंगा झंडा लेकर निकले। जब तक सूरज चांद रहेगा, रामछबीला तेरा नाम रहेगा के गगनभेदी नारों के कस्बा गूंज उठा। पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुल्तानपुर घाट पर मुखाग्नि उसके बेटे अरविंद कुमार यादव ने दी। विधायक सुहेब अंसारी, एसडीएम डॉ. हर्षिता तिवारी, सीओ श्यामबहादुर सिंह, पीयूष राय समेत तमाम लेागों ने पुष्पांजलि अर्पित कर परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान गांव के हर इंसान की आंखें नम थीं।

तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

सुरतापुर के रहने वाले बेचन सिंह यादव ने बताया कि राम छबीला यादव के 3 बच्चें है। जिनमें से 1 बेटी की शादी हो चुकी है। इसके बाद उनकी पत्नी के साथ रहने वालों में उनका एक बेटा और छोटी बेटी ही रह गए हैं। वह अपने परिवार के एक मात्र कमाने वाले शख्स थे। राम छबीला यादव के माता -पिता का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है। फिलहाल पत्नी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। उनके जाने के बाद घर परिवार का सारा भार पत्नी व बच्चों के कंधे पर आ गया है।

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