गाजीपुर में किसानों को सरसों के दिए गए उन्नतशील बीज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में किसानों को उन्नतशील खेती को लेकर जागरूक किया गया। इसके लिए अखिल भारतीय राई सरसों समन्वित अनुसंधान परियोजना और कृषि विज्ञान संकाय पीजी कालेज ने तिलहन उत्पादक किसानों को सरसों के उन्नतशील प्रजाति के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए गए। इस दौरान कृषि विज्ञान संकाय के सभी शिक्षकों के साथ प्राचार्य प्रोफेसर राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय और चीफ प्रॉक्टर डॉ० डीके सिंह मौजूद रहे।
आईसीएआर-निदेशालय की ओर से शोध के लिए अंगीकृत गांवों के सभी कृषकों को प्रशिक्षण और कृषि किट का वितरण प्राचार्य प्रोफेसर राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय और कृषि विज्ञान संकाय के समस्त कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सरसों के बीज के निशुल्क वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
तिलहनी फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जाए
प्रोजेक्ट के समन्वयक डॉ. श्रवण कुमार शुक्ला ने बताया कि देश में तिलहनी फसलों की भारी किल्लत है। जिसके कारण खाद्य तेलों का आयात बाहरी मुल्कों से करना पड़ता है। सरकार की मंशा है कि तिलहनी किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ ही उन्नतशील प्रजाति के बीज उपलब्ध कराकर उन्हें बेहतर तरीके से तिलहनी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाए। जिससे देश में खाद्य तेल की किल्लत को कम किया जा सके।
तिलहन के मामले में देश आत्मनिर्भर नहीं हुआ
कृषि वैज्ञानिक डॉ. शिव शंकर यादव ने बताया कि तिलहन के मामले में देश आत्मनिर्भर नहीं हुआ है। अभी भी भारी मात्रा में तिलहन का आयात किया जाता है। इस कमी को कम करने के लिए तिलहन की बुवाई पर बल दिया जा रहा है। आईसीएआर की ओर से किसानों को उन्नत प्रजाति के तिलहनी बीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बुवाई से पहले सीड का ट्रीटमेंट करना जरूरी है। ऐसा करने से फसल की कई रोगों से बचाव होता है।
भारत हमेशा से रहा है कृषि प्रधान देश
प्राचार्य प्रोफेसर राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कृषकों को तिलहनी फसलों के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि देश में तिलहन की बुवाई पर किसानों को बल देना चाहिए। शुद्ध तेल का उपयोग लगभग हर घर में तभी हो पाएगा जब हम खाद्य तेलों के मामले में भी आत्मनिर्भर हो पाएंगे। मिलावटी तेलों के इस्तेमाल से तमाम बीमारियां होती हैं। भारत कृषि प्रधान देश हमेशा से रहा है। ऐसे में हमारी अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी और जरूरी है कि हम खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर हो पाए और इसके लिए तिलहनी फसलों को आधुनिक विधि और उन्नतशील प्रजाति को अपनाकर किसान देश को तिलहनी फसलों के संबंध में भी अव्वल बना सकते हैं।
तिलहन का उत्पादन का बढ़ावा देने के लिए इन्हें मिली जिम्मेदारी
काशी हिंदू विश्वविद्यालय ,वाराणसी तथा कृषि प्रसार विभाग, कृषि संकाय, पी जी कालेज गाजीपुर के संयुक्त तत्ववधान मे गाजीपुर जनपद में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रारंभिक चरण में प्रदर्शन शिक्षा, शोध और प्रसार को बढ़ावा देने हेतु स्वीकृति प्रदान किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर अवधेश कुमार सिंह, प्रोफेसर एसएन सिंह, डॉ. योगेश कुमार , डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डॉ. पीके सिंह, डॉ. यूपी पाण्डेय, डॉ. गोपाल सिंह यादव, डॉ. एके पाण्डेय, डॉ० केके पटेल, डॉ. अशोक कुमार, अमितेश सिंह, संजय कुमार आदि मौजूद रहे।