गाजीपुर में मगई नदी में जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों बीघा खेत डूबे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. शारदा सहायक नहर से अचानक पानी छोड़े जाने से मंगई नदी में जलस्तर बढ़ने लगा है। नदी के बढ़ते जलस्त और तेज प्रवाह ने आसपास के इलाकों में कोहराम मचा दिया है। पानी बढ़ने से करईल क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ की भूमि जलमग्न हो गई है। इसे लेकर इस क्षेत्र से जुड़े किसान दहशत में आ गए है।
पिछली साल भी बारिश के बाद मंगई में आई बाढ़ ने हजारों बीघा खेत और फसल को नष्ट कर दिया था। गाजीपुर में गंगा की बाढ़ के शांत होने के बाद जिले के दूसरे छोर पर मंगई ने रौद्र रूप लेना शुरू कर दिया है। सहायक नदियों से जल पाकर मगई का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। वहीं मगई की राह में मछुआरों के जाल ने इसका प्रवाह रोक लिया, जिससे आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में आने की आहट शुरू हो गई है। शुक्रवार नदी के किनारे के सौ मीटर आसपास के सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गए।
मंगई का पानी पतार, भरौली, विश्वम्भरपुर, लठ्ठूडीह, लौवाडीह, राजापुर, परसा, जोगामुसाहिब, करीमुद्दीनपुर, लट्ठूडीह, मूर्तजीपुर, खेमपुर, सिलाइच, सियाड़ी सहित कई गांव के सिवान में पानी तेजी से फैल रहा है। विगत चार वर्षों से करइल के सबसे उपजाऊ मैदान में रबी की बुआई नही हो पा रही है, कभी मछली माफियाओं द्वारा नदी के प्रवाह को बांध दिया जाता है तो कभी शारदा सहाय नहर द्वारा पानी छोड़ दिया जाता है। इसके लिए प्रतिवर्ष किसानों द्वारा धरना करना पड़ता है।
किसानों की समस्या पिछले कई वर्षों से चलती आ रही है जिसे लेकर समय-समय पर किसान आवाज भी उठाते रहे हैं लेकिन अभी तक किसानों को इस समस्या से निजात नहीं मिल पाया है। किसानों की माने तो रबी की बुआई में अब एक सप्ताह से भी कम समय है ऐसे में खेतों में पानी आ जाने रबी की बुआई नही हो पाएगी और किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
उपजिलाधिकारी डॉ हर्षिता तिवारी ने तत्काल एक्शन लेते हुए शारदा सहाय नहर के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने पानी छोड़े जाने की बात से मुकर गए और बरसात का पानी मंगई नदी के बढ़ने का कारण बताया जब बरसात बंद हो गयी इसके बावजूद बढ़ रहा है ऐसे में उनके स्पष्टीकरण से किसान संतुष्ट नही हैं। उपजिलाधिकारी डॉ हर्षिता तिवारी ने शारदा सहाय नहर के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा है।