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देवकली पंप लूटकांड में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ जिरह पूरी, गवाही 9 को

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. देवकली पंप कैनाल लूटकाड व उसरी चट्टी हत्याकांड के मामले में शुक्रवार को अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई हुई। पंप कैनाल लूटकांड में गवाही पर जिरह पूरी हो गई, लेकिन उसरी चट्टी हत्याकांड में पूरी नहीं हो सकी। दोनों मामले में अगली तिथि नौ नवंबर नियत की गई है।

देवकली पंप कैनाल लूटकांड

बहुचर्चित देवकली पंप कैनाल लूटकांड के मामले में शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी के न्यायालय में शुक्रवार को गवाह अफरोज जेल से आया और जिरह की कार्रवाई पूरी हुई। तीन दिसंबर 1990 को सरफराज अंसारी सैदपुर में नहर में निर्मित कार्य कर रहा था। तब तक एक नीली मारुति कार से आरोपित त्रिभुवन सिंह, विजयशंकर सिंह, बृजेश सिंह व असलहा से लैस दो अज्ञात व्यक्ति आए और पकड़कर मारने-पीटने लगे। सरफराज के बैग में रखे रुपये को छीन लिए। खड़े ट्रक के टायर में गोली मार कर फाड़ दिए। सूचना पर थाना सैदपुर में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ।

उसरी चट्टी कांड

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम/एमपी-एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह की अदालत में 21 वर्ष पुराने मुहम्मदाबाद के बहुचर्चित उसरी चट्टी हत्याकांड में अभियोजन की तरफ से शनिवार को गवाह रमेश राम की जिरह हुई, लेकिन जिरह पूरी नहीं हो सकी। 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी मऊ जा रहे थे। उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दिया। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंद्र उर्फ प्रदीप की मौके पर मृत्यु हो गई। 

वहीं घायल रुस्तम उर्फ बाबू की ईलाज के दौरान मौत हो गई। हमलावरों में से भी एक की मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थी। मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना उपरांत पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया। इसमें से दो आरोपितों की विचारण के दौरान मौत हो गई।

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