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सीएम योगी वनटांगियों संग मनाएंगे दिवाली, महिलाएं गा रहीं मंगल गीत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सीएम योगी आदित्‍यनाथ इस बार भी अपनी दिवाली वनटांगियों के साथ मनाएंगे। गोरखपुर शहर से करीब दस किलोमीटर दूर कुसम्ही जंगल के बीचों बीच बसे वन ग्राम तिलकोनिया नंबर-3 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दिवाली मनाने का उल्लास शुक्रवार से ही दिखने लगा। यहां एक ओर वनटांगिया परिवारों में सीएम के स्वागत की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर पुलिस-प्रशासन सुरक्षा और अन्य इंतजामों में जुटा है।

मुख्यमंत्री लगातार चौदहवें साल अपनी दिवाली वनटांगियों के बीच मनाने यहां आएंगे। वर्ष 2009 से उनकी हर दिवाली यहीं गुजरी है। बुनियादी अधिकारों के लिए वनटांगियों के संघर्ष की करीब 19 वर्षों तक बतौर सांसद अगुवाई करते रहे योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही गोरखपुर, महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच में स्थित वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया। तबसे यहां बिजली, पानी, सड़क, आवास जैसी हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचने लगा। आज यहां हर वो सुविधा दिखती है जो शहर के किसी मोहल्ले में हो सकती है। पिछले पांच वर्षों में वनटांगियां गांवों की तस्वीर बदल गई है लेकिन यहां रहने वाले लोगों का मुख्यमंत्री से रिश्ता नहीं बदला। मुख्यमंत्री वर्ष 2009 से आज तक अपनी हर दिवाली वनटांगियों के साथ ही मनाते रहे हैं।

लिहाजा, इस बार भी वे अपने महराज जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) का इंतजार पूरे उत्साह से कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जब वनटांगियों के बीच पहुंचते हैं तो न कोई प्रोटोकाल रह जाता है न किसी तरह की बंदिश। गांव वाले भी उनका स्वागत परिवार के सदस्य की तरह ही करते हैं। मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए गांव में रंगाई-पोताई, सड़कों की मरम्मत आदि का काम जोरों से चल रहा है। वहीं, महिलाएं मंगलगीत गाते हुए अपने घरों के दरवाजे की लिपाई में जुटी हैं।

1998 से है योगी का जुड़ाव

वनटांगियां समुदाय के साथ योगी आदित्यनाथ का जुड़ाव 1998 में पहली बार सांसद बनने के साथ ही शुरू हो गया था। वनटांगिया समुदाय को मुख्यधारा में शामिल कराने के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया। इस बीच वनटांगिया उनके इतने करीब आ गए कि 2009 से वह अपनी हर दिवाली वनग्राम में ही मनाते हैं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है।

टॉफी वाले बाबा का इंतजार

वनटांगिया समुदाय के बच्चों को खासतौर पर दिवाली का इंतजार रहता है। इस मौके पर योगी अपने साथ बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार लाते हैं। बच्चों के बीच वह ह्यटाफी बाबाह्ण के रूप में पहचाने जाते हैं। टॉफी, मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी उपहार देकर मुख्यमंत्री इन बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं की सौगात देकर वनटांगियों के जीवन में खुशहाली के रंग भर देते हैं। इस गांव में आने के बाद योगी, वनटांगियों के लिए महराज जी ही होते हैं जिनसे हर कोई दिल की बात कह लेता है। सीएम भी लोगों को उनके नाम से पुकारते हैं। शुक्रवार को जारी तैयारियों के बीच मुखिया रामगणेश ने कहा कि महाराज जी हम लोगों के साथ गांव में दिवाली मनाने आते हैं। यहां बच्चे-बच्चे को उनका इंतजार रहता है।

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