राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित होगी शीला सिंह - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उच्च प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज की सहायक अध्यापक शीला सिंह को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2021 से पांच सितंबर को अध्यापक दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार इनके उच्च अध्यापन कार्यशैली को देखते हुए दिया जा रहा है। इन्होंने एमएससी, बीटीसी व बीएड किया हुआ है।
सहायक अध्यापक शीला सिंह शिक्षा विभाग में प्रथम नियुक्ति 11 फरवरी 2009 को प्राथमिक विद्यालय नौली प्रथम रेवतीपुर विकासखंड में हुई थी। यहां से इन्होंने अपने शिक्षण कार्य को आगे बढ़ाया। इनका स्थानांतरण 2011 में नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रेलवे स्टेशन पर हुआ। 2013 में स्थानांतरित होकर प्राथमिक विद्यालय गोरा बाजार पहुंची, यहां पर इन्होंने बच्चों के साथ शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करते हुए बच्चों के ठहराव में उत्तरोत्तर वृद्धि की। वर्ष 2015 में प्रमोशन के बाद सहायक अध्यापक के पद पर उच्च प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज को पदभार ग्रहण किया, तो विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम हुआ करती थी। इसे बढ़ाने और बच्चों को स्कूल में रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के नवाचारों जैसे आईसीटी, पपेट, कहानी, आर्ट एंड क्राफ्ट तथा नए नए टीएलएम का प्रयोग को अपने शिक्षण कार्य में जोड़ा। जिससे विद्यालय में बच्चों का ठहराव बढ़ा। इन नवाचारों का असर ऐसा रहा कि बच्चों से प्रभावित होकर निजी स्कूलों के कई बच्चों ने अपना पंजीकरण विद्यालय में कराया।
शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के साथ बच्चों को राष्ट्रीय अविष्कार अभियान और इंस्पायर अवार्ड में बच्चों को प्रतिभाग कराते हुए उन्हें जनपद और राज्य स्तर पर स्थान दिलाया। अपने शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई राज्य स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर जनपद स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। बालिकाओं में सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाने के लिए मीना मंच की राज्य संदर्भ दाता के रूप में पूरे जनपद में शिक्षकों और छात्राओं को प्रशिक्षित करने का कार्य किया। इस दौरान यूनिसेफ द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित बालिका सुरक्षा एवं संरक्षा में जनपद का प्रतिनिधित्व करते हुए स्थान दिलाया।
वहीं मिशन शक्ति के तहत राज्य संदर्भ दाता के रूप में जनपद में बालिकाओं में आत्मरक्षा बढ़ाने के लिए उनको प्रशिक्षित कराया और जनपद में कई बार जनपद स्तरीय सम्मान भी दिलाया। कोरोना काल में इन्होंने बच्चों के बीच जाकर मोहल्ला क्लासेस चलाएं और उन्हें मनोरंजक ढंग से पढ़ाने के लिए बिट्टू की कक्षा नामक एक पूरी सीरीज चलाई। जिससे बच्चों ने बहुत कुछ सीखा। इस दौरान राज्य स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता मेरी उड़ान में बच्चों को प्रतिभा कराया और बच्चों ने राज्य स्तर पर अपने पहचान बनाई। इसमें विद्यालय की दो बच्चियों को सम्मानित भी किया गया। इनके इस कार्य की सराहना करते हुए जिलाधिकारी की ओर से भी इन्हें दो बार शक्ति योद्धा सम्मान से सम्मानित किया है। बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण से जोड़ते हुए उन्हें मूर्ति बनाना और आर्ट एंड क्राफ्ट का प्रशिक्षण दिया, जिससे आज कई बच्चे अपनी आजीविका चला रहे हैं।