गाजीपुर में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए अधिकृत जमीनों का कम मुआवजा मिलने से आक्रोश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पूर्व विधायक राजेंद्र यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे। किसानों ने जंगीपुर से मांझी घाट तक जाने वाली ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा कम दिए जाने पर आक्रोश जाहिर किया।
मुआवजा बढ़ाने जाने की मांग लेकर किसान डीएम से मिलने पहुंचे, लेकिन जिलाधिकारी के कार्यालय में न रहने से निराश हो वापस लौटना पड़ा। किसानों ने मीडिया को बताया कि एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा वर्ष 2015 के सर्किल रेट के आधार पर दिया जा रहा है। जबकि वर्ष 2022 में जमीन की कीमत बढ़ चुकी है। आबादी के पास, कस्बे के पास, सड़क से सटी जमीनों की कीमत दिये जाने वाले मुआवजे से दो गुने से तीन गुना तक बढ़ चुकी है।
7 सालों में बढ़ी जमीनों की कीमत
ऐसी स्थिति में जमीनों का पुर्नमूल्यांकन करके किसानों को अधिक मुआवजा देना न्यायसंगत है। वर्ष-2015 के सर्किल रेट के अनुसार जमीनों का मुआवजा 60 लाख, 70 लाख एवं 80 लाख प्रति बीघा की दर से दिये जाने का प्रस्ताव है, जबकि 2015 के बाद 7 वर्षों में जमीनों की कीमतें बढ़ चुकी हैं। पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव ने कहा कि किसानों को बढ़े हुए दर पर 12 प्रतिशत ब्याज दर जोड़कर जमीनों का मुआवजा दिया जाए।
बढ़े हुए रेट से की गई रजिस्ट्री
जो भूमि सड़क से सटे, कस्बा से समीप एवं आबादी के पास स्थित है उसकी कीमत और अधिक है, इनका मुआवजा पुर्नमूल्यांकन कर और अधिक निर्धारित किया जाए। बहुत से किसानों ने वर्ष 2015 से 2022 के बीच बढ़े हुए रेट से ही जमीनों की रजिस्ट्री कराई है, जो आज के सर्किल रेट से दो गुना या तीन गुना है।
सबसे उपजाऊ जमीन की गई है अधिगृहीत
किसानों की मांग है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए जनपद-गाजीपुर में अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि जो जनपद की सबसे उपजाऊ भूमि है, इसको ध्यान में रखकर पुर्नमूल्यांकन करके मुआवजा बढ़ा कर दिया जाए। इस दौरान विपिन प्रधान, राजेश राय, रामबचन बिंद, आफताब आलम, आनंद राय, आनंद प्रधान, संजय राय, महेंद्र सिंह, दिनेश राय, अमरनाथ सिंह कुशवाहा, सती राम, कुबेर सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।