Today Breaking News

बलात्कार के आरोपों के बाद सिपाहियों पर हमले से भी सांसद अतुल राय बरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मऊ की घोसी सीट से बसपा सांसद अतुल राय को बड़ी राहत मिल गई है। बलात्कार के आरोपों से बरी होने के बाद अब सिपाहियों पर हमले के आरोपों से भी बरी हो गए हैं। करीब 11 साल पहले अतुल राय पर वाराणसी की कचहरी पुलिस चौकी पर सिपाहियों के साथ मारपीट करने और हमला करने का आरोप लगा था। 

इसी मामले में भले ही सांसद अतुल राय बरी हो गए लेकिन तीन अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। 

यह है मामला

25 अगस्त 2011 को तत्कालीन कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी तहसीलदार सिंह ने कैंट थाने में केस दर्ज कराया था। बताया कि वायरलेस से सूचना मिली की कुछ बदमाश सिपाहियों से मारपीट रहे हैं। मौके पर पहुंचे पेशी पर लाए गए बंदी तपेश नारायण सिंह और उसके साथी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह सिपाही को मारपीट कर रहे थे।

दोनों तपेश को छुड़ाकर भगाने की फिराक थे। तीनों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में घोसी सांसद अतुल राय समेत तीन अन्य का भी नाम भी मारपीट और हमले में आया था। इसके बाद सभी छह आरोपितों पर केस दर्ज किया गया। तभी से मामला अदालत में चल रहा था। 

विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की अदालत ने मामले में पेश गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर रोहनिया के औढ़े निवासी तपेश नारायण सिंह, हिरामनपुर (फूलपुर) निवासी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। तीनों पर 35-35 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।

वहीं, घोसी सांसद अतुल राय, पूर्व प्रधान सुजीत सिंह बेलवा और अभिषेक सिंह हनी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने पक्ष रखा। सांसद अतुल राय और अभिषेक सिंह हनी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।

'