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गाजीपुर में 10 साल के बेटे को बचाने में गई पिता की भी जान, 75 साल की पत्नी को बचाने में पति डूब गया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के अठहठा गांव में बुधवार को हुए नाव हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। लापता 5 बच्चों की डेड बॉडी आज मिली है। हादसे में बच कर निकले लोगों ने बताया कि नाव का बैलेंस बिगड़ने से हादसा हुआ। जिसमें 11 लोगों को तो मौके पर बचा लिया गया लेकिन बाकी 7 लोगों की डूबकर मौत हो गई। जबकि नाविक का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

हादसे में मरने वालों में 5 बच्चे हैं। जबकि दो व्यस्क लोग हैं। इस नाव हादसे में कोई बाप अपने बेटे को बचाने के चक्कर में डूब गया तो कोई पति अपनी पत्नी को बचाने के बाद डूब गया। इस हादसे में भाई-बहन की भी मौत हुई है। आगे आप पढ़िए गाजीपुर हादसे की दर्दनाक कहानी...

नदी में सांप दिखा तो नाव में नाव में बैठे लोग डर गए

हादसे में बचकर निकले ग्रामीणों के मुताबिक, नाव से जब शाम को सब वापस लौट रहे थे तो दो लोगों ने नदी में सांप देखकर चिल्लाना शुरू कर दिया। किनारे से थोड़ा पहले ही वह नाव से कूद भी गए। जिससे नाव असंतुलित हो गई। कूदने की वजह से नाव का एक सिरा पानी में चला गया। जिससे उसमें पानी भरना शुरू हो गया। नाव हादसे में बची मुस्कान ने बताया, "नाव में पानी भरता देख सभी डर गए थे। नाविक कोशिश कर रहा था लेकिन नाव में लगातार पानी भरने की वजह से नाव डूबने लगी। कुछ लोग तो तैरने लगे लेकिन कुछ लोगों को टायर टयूब और बड़े प्लास्टिक के ड्रम पानी में फेंक कर बचाया गया। हम तो बच गए लेकिन मेरी चार साल की बहन डूब गई। साथ ही मेरा एक चचेरा भाई डूब गया।"

बेटे को बचाने को फिर पानी में लगा दी छलांग, दोनों की मौत

शिवशंकर गौड़ (45 साल) अपने 10 साल के बेटे सत्यम के साथ बाजार गए थे। उन्हें घर का सामान लेना था साथ ही बेटे को खिलौना दिलाना था। उन्होंने सामान भी खरीद लिया था और बेटे सत्यम की पसंद का खिलौना भी खरीद लिया था। गांव सिर्फ 200 मीटर ही दूर था तभी नाव डूबने लगी। शिवशंकर गौड़ इस आपाधापी में किसी तरह बच कर निकल आए लेकिन उन्हें किनारे अपना बेटा सत्यम नहीं दिखा तो उन्होंने दोबारा पानी में छलांग लगा दी। बेटा डूब चुका था। बाढ़ के पानी में शिवशंकर उसे ढूंढ़ रहे थे लेकिन वह नहीं मिला। इस दौरान शिवशंकर भी 15 फिट पानी के अंदर बेसुध हो गए। किसी तरह उन्हें निकाल कर बुधवार को अस्पताल में एडमिट कराया गया। हालांकि,डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आज एनडीआरएफ की टीम ने 10 वर्षीय सत्यम के शव को भी खोज निकाला। बाप-बेटे की मौत की खबर से मां बेसुध हो गई है। उसे होश ही नहीं आ रहा है। वह रो-रो कर बेहोश हो रही है।

75 वर्षीय पत्नी को बचाने में गई पति की जान

नगीना पासवान अपनी 75 वर्षीय पत्नी फूलमती के साथ पशुओं के लिए चारा काटने गांव के बाहर गए हुए थे। दरअसल, बाढ़ के पानी की वजह से पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा था। जिससे नगीना परेशान थे। उम्र के आखिरी पड़ाव पर अपने पति को खो चुकी फूलमती बताती हैं, "नाव में पानी भरने से जब नाव का एक सिरा पानी में तो नाव का दूसरा सिरा ऊपर चला गया। नगीना ने मुझे वही सिरा पकड़ा दिया। हालांकि, वह पानी में उतराते रहे लेकिन वह कोशिशों के बावजूद खुद को नहीं बचा सके। जब लोगों ने हमें देखा तो बचाया। नगीना को अस्पताल भेजा गया लेकिन वह बच नहीं सके।" यह कहते हुए फूलमती की आंखों में आंसू आ जाते हैं।

एक दिन पहले मनाया था 4 साल की बच्ची का जन्मदिन

खुशियाल यादव (15 साल) और अलीशा यादव (4 साल) अपने चाचा धमेंद्र यादव के साथ गांव के बाहर डेरा पर गए हुए थे। इनके साथ अलीशा की बड़ी बहन मुस्कान भी थी। खुशियाल, मुस्कान और अलीशा चचेरे भाई-बहन हैं। एक दिन पहले ही अलीशा का जन्मदिन मनाया गया था। मुस्कान बताती है, "जब नाव डूबी तो मुझे कोई निकाल लाया था। चाचा भी निकल आए थे। लेकिन आपाधापी में अलीशा और खुशियाल पानी से बाहर नहीं आ पाए। रात तक लोगों ने ढूंढ़ा लेकिन कोई पता नहीं चल सका था। आज दोनों के शव बरामद किए गए हैं। अलीशा के पिता कमलेश बीएसएफ में तैनात हैं। उनकी पोस्टिंग झारखंड में है। उन्हें बेटी की मौत की खबर मिल चुकी है। वह रास्ते में हैं।

चचेरे भाई बहन की हो गई मौत

सात साल की संध्या अपनी मां मंजू देवी के साथ बाजार गई थी। साथ में 12 साल का भाई प्रियांशु और चचेरा भाई अमित (12 साल) भी गया हुआ था। लौटते वक्त हादसे में मंजू देवी और प्रियांशु तो बचा लिए गए लेकिन संध्या और अमित पानी में लापता हो गए। परिजन और गोताखोर रात भर उन्हें ढूंढते रहे लेकिन दोनो नहीं मिले। आज सुबह जब एनडीआरएफ की टीम पहुंची तो दोनों के शवों को बाहर निकाला गया। मां मंजू देवी की हालत खराब है। वह इन दोनों मौतों का जिम्मेदार खुद को मान रही हैं। वह बार बार यही कह रही हैं कि मैं बाजार न जाती तो बच्चे बच जाते। मंजू देवी की ममता देख हर किसी की आंख में आंसू आ जा रहे हैं।

5 घरों के 7 लोगों की मौत

गाजीपुर के अठाहठ गांव में इस वक्त सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव में कई घरों में कल से चूल्हा नहीं जला है। ग्रामीणों के मुताबिक, गांव के 5 घरों के सात लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन से मांग के बावजूद नाव नहीं उपलब्ध कराई गई थी। छोटी नाव जिसकी क्षमता सिर्फ आठ से दस लोगों की थी। उस पर 19 लोग सवार थे। बाढ़ का पानी गांव से दौ सौ मीटर तक ही है। हालांकि, पानी की गहराई 15 फिट तक ही थी।

एडीएम ने दिया मुआवजे का आश्वासन

एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी मृतकों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि सुबह 6:00 बजे से स्थानीय गोताखोरों एवं ग्रामीणों के द्वारा लापता सभी 5 बच्चों के शव निकाले जा चुके हैं।

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