गाजीपुर में टेढ़े पंजे वाले बच्चों का हो रहा इलाज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से राजकीय मेडिकल कॉलेज गाजीपुर में टेढ़े पंजे वाले बच्चों का इलाज हो रहा। अब तक कई दर्जन बच्चों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है, जो की क्लबफुट यानी टेढ़े पंजे से पीड़ित थे। जिला अस्पताल के डॉ. प्रभात अग्रहरि ने 4 बच्चों को पोनसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया। इन बच्चों का जल्द ही टेनोटामी कर उनके टेंडेंट को ढीला किया जायेगा। जिससे बच्चे के पैर को प्राकृतिक स्थिति प्रदान की जा सके।
गाजीपुर जिला अस्पताल में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात अग्रहरि ने बताया कि क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है। जन्म के समय से ही बच्चो के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है। जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है।
मामूली ऑपरेशन की होती है आवश्यकता
आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस आ जाए। फिर बच्चा 4 सालों तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है। जो की मिरेकल फीट फाउंडेशन द्वारा निशुल्क दिया जाता है।
मुफ्त दिया जाता है विशेष प्रकार का जूता
मिरेकल फीट फाउंडेशन के प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव आनंद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि 0 से 1.5 साल तक के बच्चे इस नि:शुल्क इलाज का लाभ ले सकते हैं। हमारे संस्था के द्वारा बच्चों के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना और ब्रेस यानी विशेष प्रकार का जूता निशुल्क प्रदान किया जाता है। कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि विशेष प्रकार के जूते लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं।