बादलों की बेरुखी के कारण बरसात की उम्मीद नहीं, उमस और गर्मी कायम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. धूप और बादल के बीच चल रही इस कदमताल से उपजी उमस भरी गर्मी का कहर अभी तीन-चार दिनों तक और झेलना पड़ सकता है। कारण कि इस बीच में मानसून के हालात में कोई परिवर्तन होता नजर नहीं आ रहा है। हां, इस बीच ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हो सकती है। इधर लगातार धूप-छांव का क्रम बने रहने से वातावरण के न्यूनतम तापमान में निरंतर वृद्धि होती जा रही है।
सोमवार को अधिकतम तापमान जहां सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 35.5 रहा तो वहीं न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई और यह सामान्य से एक अधिक 27 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। धूप की अवधि बढ़ने से इस बीच आर्द्रता में कमी आई है और यह 80 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच रह गई है।
इस संबंध में मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि उड़ीसा और आंध्र कोस्ट के बीच कम वायुदाब का क्षेत्र विकसित हो रहा है। संभावना है कि यह मंगलवार तक बन जाएगा और फिर वहां से आगे बढ़ेगा। यदि यह कम दबाव का क्षेत्र यदि उत्तर की ओर बढ़ा तो तीन-चार दिनों बाद गंगा के समतल मैदानी भाग तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में वर्षा होने की संभावना बन सकती ,है वरना अभी तो हालात ऐसे ही बने रहेंगे।
आषाढ़ का महीना सूखा गुजर जाने के बाद उम्मीदों की फुहार ले कर आया सावन भी पूर्वांचल के जिलों में झूम कर नहीं बरस सका है। बादलों की बेरुखी ने लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। तेज धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई है। सूरज के तेवर तल्ख हैं। ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य शिवालियों में उमड़े भक्तों की गर्मी और उमस से परेशानी बढ़ गई है। सुबह नौ बजे तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।