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भाजपा जिला उपाध्यक्ष के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भाजपा नेता व जिला कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह के अवैध निर्माण पर वीडीए व नगर निगम ने की कार्रवाई। केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के करीबी अखंड प्रताप सिंह ने शिवपुर में अपार्टमेंट की दीवार के पास टीन शेड लगा कर अपना दफ्तर बना लिया था। इसकी शिकायत सोसायटी की महिलाओं ने प्रशासन से की थी। साथ ही इसके खिलाफ दो दिन पहले प्रदर्शन भी किया था। वीडीए संयुक्त सचिव परमानंद यादव के अनुसार जांच में पाया गया कि सत्य प्रकाश सिंह उर्फ अखंड प्रताप सिंह द्वारा सोसायटी की दीवार के पास कराया गया व्यक्तिगत निर्माण अवैध है। इस पर उन्हें नोटिस देने के बाद कार्रवाई की गई।

केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के करीबी व भाजपा नेता अखण्ड प्रताप सिंह के वाराणसी स्थित शिवपुर में अवैध निर्माण पर वीडीए और नगर ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। अवैध निर्माध पर बुलडोजर चला कर ध्‍वस्‍त किया जा रहा है।

सेंट्रल जेल मार्ग स्थित एक अपार्टमेंट के बाहर चारदीवारी के समीप अवैध रूप से बनाए गए निर्माण को वाराणसी विकास प्राधिकरण टीम ने भारी पुलिस फोर्स के बीच गिरा दिया। वाराणसी विकास प्राधिकरण के ज्वाइंट सेक्रेटरी परमानंद यादव ने बताया कि सोसाइटी की कुछ महिलाओं ने अवैध निर्माण की शिकायत की थी। जिस पर जांच के उपरांत या पाया गया कि सत्य प्रकाश सिंह उर्फ अखंड प्रताप सिंह द्वारा सोसाइटी के दीवार के पास व्यक्तिगत प्रयोग करते हुए कुछ टीन शेड व ऑफिस नुमा निर्माण कराया गया। जिस के क्रम में उन्हें विधि व सुसंगत धाराओं के तहत नोटिस दी गई तथा तथा वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के निर्देश पर आज के क्रम में नगर निगम व पुलिस प्रशासन की टीम को लेकर इनके निर्माण को गिराया जा रहा है।

मंगलवार को ही सोसाइटी की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए सेंट्रल जेल रोड स्थित वरुणा एंक्लेव की कुछ महिलाओं ने प्रदर्शन किया था । उनका आरोप है कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह ने सोसाइटी के ही एक फ्लैट में रहते हैं। वह सोसाइटी की खाली जमीन पर कब्जा कर अपना आफिस बना लिए हैं। सड़क के फोर लेन होने के बाद बाउंड्री दीवार को पीछे किया गया और जो जमीन बची उसे कब्जा कर लिया।

इस संबंध में अखंड सिंह का कहना है कि सोसाइटी की जमीन का आराजी नंबर अलग है और जहां पर शेड लगाया गया है उसका आराजी नंबर अलग है। आबादी की इस जमीन पर वह पिछले 25 वर्ष से काबिज हैं। इस संबंध में महिलाओं द्वारा आइजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत की गई। तब जांच में सोसाइटी और कब्जे वाली नंबर अलग-अलग मिली। उन्होंने प्रशासन ने मामले का निस्तारण कर दिया। कुछ लोग हमारी छवि धुमिल करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।

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