गाजीपुर में करोड़ों की लागत से नवनिर्मित ट्रामा सेंटर बना गोदाम: मरीज,नर्स और डॉक्टर नदारद
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग का वेयर हाउस बनने के कारण अत्याधुनिक एवं नवनिर्मित ट्रामा सेंटर जनपद वासियों के लिए महज कागजी साबित हो रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से सरकार ने गाजीपुर में दो ट्रामा सेंटर बनवाया है, जिसमें से एक गाजीपुर जिला मुख्यालय पर जबकि दूसरा मोहम्मदाबाद में स्थित है। मोहम्मदाबाद ट्रामा सेंटर का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया जाता है, जबकि जिला मुख्यालय स्थित ट्रामा सेंटर मेडिकल कॉलेज की अधीन है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाजीपुर ट्रामा सेंटर के भवन को वेयर हाउस के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन सही रूप में ट्रामा सेंटर का संचालन नहीं कर पा रहा। जनपद वासियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। वहीं नेशनल हाइवे पर दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर खोले जाने की सरकार की मंशा धराशायी हो गई है।
कई बार शासन को भेज चुके हैं पत्र
गोदाम बन चुके ट्रामा सेंटर को संचालित करने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कई बार शासन को पत्र भी लिख चुके हैं। गाजीपुर के इस ट्रॉमा सेंटर के अंदर मरीज स्टाफ और डॉक्टरों की जगह दवाइयां नजर आती हैं। ट्रॉमा सेंटर के अंदर स्टाफ रूम, डॉक्टर चैंबर ,ऑपरेशन थिएटर बना हुआ है लेकिन सभी के अंदर दवाइयां रखी गई हैं।
जनपद में दो ट्रॉमा सेंटर हैं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरगोविंद सिंह ने बताया कि जनपद में दो ट्रॉमा सेंटर हैं। गोरा बाजार ट्रामा सेंटर में दवाइयां रखी गई हैं। गोदाम के लिए जिलाधिकारी से जमीन चिह्नित करने का आवेदन दिया गया है। जमीन मिल जाने पर काम शुरू होगा। इसके बाद ही ट्रॉमा सेंटर खाली होगा।
गोदाम बन जाने के कारण अभी देरी
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि शासन से ट्रॉमा सेंटर को मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित करने के निर्देश मिल गए हैं, इसके बाद ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण भी किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं। लेकिन ट्रामा सेंटर में गोदाम बन जाने के कारण अभी इसमें देरी हो रही है। जैसे ही वह मिल जाएगा उसे 30 बेड के ट्रॉमा सेंटर के रूप में संचालित कर दिया जाएगा।