बनारस के इतिहास में पहली बार गंगा घाट जाने के लिए चुकाने होंगे पैसे, व्यवस्था आज से लागू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बनारस मौज मस्ती और गंगा के घाटों का शहर है, घाट यहां संस्कृति भी है और संस्कार भी है। अगर बनारस में गंगा और घाट को अलग कर जाए तो बनारस का मिजाज रेगिस्तान हो जाएगा। बनारसियों के सबसे सुकून के पल गंगा की लहरों के किनारे घाट पर बैठने पर बीतता है। लेकिन, इस बार बनारसियों को अपनी अलमस्त जिंदगी को जीने के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।
जी हां, स्मार्ट सिटी के लिए अब गंगा किनारे घूमना और घाट पर मस्त लहरों का आनंद लेना महंगा हो गया है। शायद इतिहास में यह पहला मौका है जब गंगा के घाट पर जाने के लिए आपको जेब ढीली करनी पड़ेगी। स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से मंगलवार से नमो घाट (अब तक खिड़किया घाट) पर टिकट सिस्टम लागू कर दिया गया है। यहां आपको प्रवेश करने के लिए 10 रुपए देना पड़ेगा और यह कीमत भी सिर्फ चार घंटे के लिए ही मान्य है, इसके अतिरिक्त आपको अगर रहना है तो दोबारा आपको टिकट लेना पड़ेगा।
स्मार्ट सिटी का एकतरफा फैसला आने के बाद से ही विरोधी दलों की ओर से गंगा घाट पर वसूली को लेकर सवाल खड़ा कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि - ''सरकार के इस फैसले से मां गंगा से मिलने के लिए उनके बच्चों को अब कीमत चुकानी पड़ेगी। यह मुगलकालीन जजिया कर सरीखा है कि धार्मिक कार्य से आप अगर मां गंगा के पास जा रहे हैं तो कीमत चुकाए बिना आपको गंगा का सानिध्य नसीब नहीं होगा। काशी के इतिहास में पहली बार घाट पर जाने की कीमत वसूली जा रही है। सपा इस मामले पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।''
स्मार्ट सिटी ने एकतरफा फैसला : स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से बिना पूर्व सूचना के गंगा के इस घाट को पेड (भुगतान युक्त) कर देने का फैसला विवादों में आ गया है। विरोधी दलों की ओर से इसे सरकार की जहां मनमानी करार दे दिया गया है वहां बुधवार से टिकट अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि इंटरनेट मीडिया में इससे जुड़े टिकट खूब वायरल हो रहे हैं।
व्यवस्था बुधवार से लागू : यही नहीं अब नमो घाट के अलावा बेनियाबाग और टाउन हाल में भी प्रवेश के लिए टिकट जारी कर दिया गया है। नगर निगम क्षेत्र के बेनियाबाग, नमो घाट और टाउन हाल में प्रवेश के लिए अब हर किसी को दस रुपये का टिकट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बाबत नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया है कि राहत के तौर पर इन जगहों पर अगर मार्निंग वाक के लिए कोई जाएगा तो वह शुल्क देय नहीं है, मगर इसके अतिरिक्त लोगों को कीमत चुकानी होगी। यह व्यवस्था बुधवार से ही प्रभावी हो गई है।