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गाजीपुर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा, प्रशासन अलर्ट मोड पर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। तराई के गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। प्रशासन भी बाढ़ को लेकर चिंतित है। सोमवार को लगातार पांचवे दिन गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक, बीते चौबीस घंटे में गंगा का जलस्तर 48 सेंटीमीटर बढ़ा है।

गंगा के जल स्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। आज सुबह आठ बजे गंगा का वर्तमान जलस्तर 55.920 मीटर दर्ज किया गया। विभाग का कहना है कि गंगा खतरे के निशान से अभी 7.185 मीटर नीचे बह रही है। हालांकि कब यह जलस्तर खतरे के निशान के पार होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।

चेतावनी बिंदु से नीचे है अभी गंगा नदी का जलस्तर

आयोग के मुताबिक, जलस्तर में अभी घटाव की कोई उम्मीद नहीं है। गंगा का चेतावनी बिन्दु 63.105 मीटर है। जलस्तर को बढ़ता देख प्रशासन ने एक बार फिर सभी बाढ़ राहत चौकियों, कंट्रोल रूम को पूर्व की भांति सक्रिय कर दिया है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराकर सतर्कता बरतने का सख्त निर्देश दिया है।

8 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल पर पड़ता है असर

उप जिलाधिकारी भारत भार्गव ने बताया कि जमानियां क्षेत्र में कुल 258 गांव हैं। जिसमें से 85 गांव तराई क्षेत्र के हैं। हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आती है। इससे करीब 70 हजार 653 परिवार के तीन लाख की आबादी प्रभावित होती है। हर साल बाढ़ से 8055 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर भी असर होता है। यह क्षेत्र दो तरफ से नदी से घिरा हुआ है।

दोनों ओर से नदियों से घिरा जमानियां

बताया कि जमानियां तहसील क्षेत्र के दक्षिण तरफ‌ कर्मनाशा नदी है और पश्चिम ओर गंगा नदी है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कुल 41 बाढ चौकी, 6 बाढ राहत केन्द्र, 40 नाव, 7 बाढ़ राहत शरणालय बनाए गए हैं। वहीं, 6 गोताखोर और 25 आपदा मित्रों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर

एसडीएम भारत भार्गव ने बताया कि तहसील मुख्यालय को कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो पूरी तरह से सक्रिय है। इसकी मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। केन्द्रीय जल आयोग गाजीपुर के प्रभारी/ ईंचार्ज अजीत कुमार ने बताया कि जलस्तर में दो सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी जारी है। जलस्तर में अभी कमी आने की कोई उम्मीद नहीं है। लगातार जलस्तर को मापा जा रहा है।

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