उत्तर प्रदेश में रूठ गया मानसून, धान की रोपाई को लेकर किसान परेशान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में देर से दाखिल होकर लम्बे अंतराल से निष्क्रय पड़े दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से धान की रोपाई पिछड़ती जा रही है। किसानों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस बार जून से अब तक (सात जुलाई) महज 40.03 प्रतिशत बारिश हुई है। अब तक बारिश न होने से प्रदेश में सूखे के हालात हैं।
पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रदेश में मानूसन की बारिश बहुत कम होने की वजह से किसानों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में अब तक महज 12 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो पाई है। बताते चलें कि पिछले साल प्रदेश में 12 जून को मानसून आ गया था, हालांकि पिछले साल भी प्रदेश में दाखिल होने के बाद करीब एक सप्ताह का अंतराल आया था मगर फिर मानसून सक्रिय हो गया था और सात जुलाई तक अच्छी बारिश हो चुकी थी। मगर इस बार मानसून रूठा है।
खरीफ में अब तक फसलों की रोपाई बोवाई के लक्ष्य व पूर्ति
फसल लक्ष्य हजार हेक्टेयर रोपाई/बोवाई हजार हेक्टेयर
धान 5900.000 718.646
मक्का 780.000 228.968
ज्वार 215.000 17.562
बाजरा 980.000 69.432
मोटा अनाज 15.000 07.032
उर्द 725.000 61.704
मूंग 40.000 03.110
अरहर 57.816 125.000
मूंगफली 125.000 10.153
सोयाबीन 50.000 5.276
तिल 413.000 15.311
पूर्व कृष उपनिदेशक सीपी श्रीवास्तव ने बताया, यूपी में इस बार हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं। मानूसन की बारिश न होने की वजह से करीब 40 फीसदी किसानों ने अपने संसाधन से धान की रोपाई तो कर दी है मगर अब उन्हें बारिश के पानी का बेसब्री से इंतजार है बाकी छोटे किसान तो अब सिर्फ आसमान की तरफ ही टकटकी लगाने को मजबूर हैं। धान की नर्सरी अब 20 से 25 दिन पुरानी हो चली है और अगर अब आगे रोपाई नहीं हुई तो फिर धान की उत्पादकता घटने के आसार बन जाएंगे। दस जुलाई तक अरहर व मक्के की भी बोवाई हो जाती थी मगर इस बार वह भी नहीं हो पा रही है। डीजल महंगा होने की वजह से सिंचाई का व्यय भार किसान वहन नहीं कर पा रहे हैं।
मौसम विभान केन्द्र निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया, सोनभद्र से प्रदेश में दाखिल होने के बाद 29 जून को मानसून पूरे यूपी को कवर कर चुका है। मगर आने के बाद मानसून की बारिश में अंतराल आ गया है। अभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी मौसम ऐसा ही बना रहेगा जबकि पश्चिमी यूपी में शनिवार से बारिश के आसार हैं।
भाकियू अराजनीतिक प्रदेश अध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा का कहना है कि मानसून के पिछड़ने से प्रदेश में 20 प्रतिशत धान की फसल तो खराब हो चुकी है। अब सरकार को चाहिए कि वह तत्काल आपात रणनीति के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सस्ता डीजल उपलब्ध करवाए और सरकारी नलकूप पूरी क्षमता से चलाए जाएं और खराब पड़े ट्रांसफार्मर ठीक करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि जो किसान धान नहीं लगा पा रहे हैं उन्हें ढैंचा के बीज उपलब्ध करवा दें ताकि वह हरी खाद का ही उत्पादन कर लें।
जून से जुलाई के बीच यूपी में मानसूनी बारिश
सात जुलाई तक 2022-23 2021-2022
120% से ज्यादा वाले जिले 03 23
80 से 120% यानि सामान्य
बारिश वाले जिले 01 14
60 से 80% यानि कम बारिश के जिले 11 11
40 से 60% यानि बहुत कम बारिश वाले जिले 42 18
यूपी में सात जून से जुलाई के बीच कहां कितनी बारिश
सात जुलाई तक
अंचल सामान्य बारिश हुई बारिश प्रतिशत
पश्चिमी यूपी 130.9 मि.मी. 54.0 41.03
मध्य यूपी 148.7 50.4 37.09
बुन्देलखंड 135.1 52.3 38.07
पूर्वांचल 192.6 79.9 41.05
उत्तर प्रदेश 158.4 63.8 40.03