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गाजीपुर जिला अस्पताल में टेढ़े पंजों का इलाज शुरू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. महर्षि विश्वामित्र स्वशासी मेडिकल कालेज से संबध होने से गाजीपुर जिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं बढ़ रही है। बुधवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एवं मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से क्लबफुट (टेढ़े पंजे) से पीड़ित छह बच्चों को डा. केके यादव ने पोंसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया। जिनमे से दो बच्चो के पैर के टेंडेंट को सफलता पूर्वक माइनर ऑपरेशन (टेनोटामी) कर उनके टेंडेंट को ढीला किया गया। जिससे बच्चे के पैर को प्राकृतिक स्थिती मिल सके।

मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. केके यादव ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है। जन्म के समय से ही बच्चो के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाया जाता है। इसके लिए बच्चें के पैर पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह पांच से आठ सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। 

आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन (टेनोटॉमी) की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाए। फिर बच्चा 4 सालो तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है जो की मिरेकल फीट फाउंडेशन की ओर से नि:शुल्क दिया जाता है। 

मिरेकल फीट फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जिक्यूटीव आनंद कुमार ने बताया कि शून्य से डेढ़ वर्ष तक के बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। संस्था की ओर से बच्चो के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा ब्रेस ( विशेष प्रकार का जूता ) नि: शुल्क दिया जाता है। कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेसिज़ (विशेष प्रकार के जूते) लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं। बच्चा को विशेष जूते और ब्रेसिज तीन माह तक पूरे समय और फिर रात में पहनाने के लिए काम आते हैं।

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