हिंदू धर्म में गुरु को दिया गया है भगवान का दर्जा- महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नंदन यति
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सिद्धपीठ हथियाराम मठ (sidhpeeth hathiyaram math ghazipur uttar pradesh), भुड़कुड़ा मठ और पलिवार मठ में दर्शन-पूजन को शिष्य श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तों ने श्रद्धा और समर्पण भाव से गुरु चरणों में शीश नवाया। भजन-कीर्तन और गुरु महत्ता पर गान सुबह से देर शाम तक चलता रहा। प्रवचन में संतों ने कहा कि गुरु से बड़ा दर्जा इस संसार में दूजा किसी और का नहीं है।
पूजन, अर्चन और प्रवचन के उपरांत पुण्य लाभ की कामना के साथ भक्तों ने भंडारा से महाप्रसाद ग्रहण किया। पर्व के चलते खूब चहल-पहल बनी रही। सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर आयोजित कार्यक्रम में सिद्धपीठ के पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नन्दन यति जी महाराज ने सर्वप्रथम अपने ब्रह्मलीन गुरु महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यति के चित्र के समक्ष पूजन-अर्चन किया। उसके बाद अपने शिष्यों को आशीर्वचन करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है।
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु का बहुत बड़ा योगदान होता है। कहते हैं कि गुरु के आशीर्वाद से मनुष्य अपने जीवन के कठिन से कठिन समय को पार कर लेता है। गुरु के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमारे शास्त्रों में एक दिन उनके नाम किया गया है, जिसे गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस अवसर पर मठ पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा गुरु पूजा के बाद श्रद्धा के साथ महाप्रसाद ग्रहण किया गया।
इस अवसर पर संत देवरहा बाबा, डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी, संत अभयानन्द, जंगीपुर विधायक बीरेंद्र यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र राय, वाराणसी के डॉ. विजय नारायण राय, सुषमा राय, शशिकांत शर्मा, हरिश्चंद्र सिंह, कुंदन सिंह, मंगला सिंह, विपिन पाण्डेय, आनन्द मिश्रा, संतोष मिश्रा, कौस्तुभ, मनीष, लौटू प्रजापति, वरुण सिंह, अशोक, संतोष यादव, रमेश यादव सहित कन्या पीजी कॉलेज हथियाराम की शिक्षिका डॉ. अमिता दूबे, छात्राएं एवं बड़ी संख्या में महिलाएं तथा गाजीपुर जनपद के साथ ही महाराष्ट्र, हल्द्वानी, आजमगढ़, बलिया, जौनपुर, चंदौली, सहित विभिन्न जनपदों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे।
इसी कड़ी में बहरियाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित पलिवार मठ पर जुटे भक्तों ने महंत स्वामी परमानन्द के साथ ही आदि गुरु भगवान शिव की पूजा आराधना किया। भंडारे से महाप्रसाद ग्रहण कर लोग स्वयं को धन्य महसूस किए। उधर सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ में भक्तों ने महंत शत्रुघ्न दास का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पूर्व के महंतों की समाधि पर मत्था टेका। महंत शत्रुघ्न दास ने प्रेम, धैर्य, परोपकार, सत्य आदि सतमार्गों के जरिये ईश्वर प्राप्ति का रास्ता बताया। भक्तों ने गुरुओं को अंगवस्त्र, फूल-माला के साथ ही उपहार आदि भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।