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अनुसूचित जाति के युवाओं को व्यवसाय के लिए अनुदान देगी योगी सरकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अनुसूचित जाति के लोगों की उद्यमी बनने की राह अब और आसान हो गई है. भाजपा सरकार चाहती है कि युवा नौकरी मांगने वाले की बजाय नौकरी देने वाले बनें. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड की स्वरोजगार को प्रेरित करने वाली योजना में अभ्यर्थियों को आय सीमा से मुक्त कर दिया है. साथ ही योजना में अनुदान राशि मे भी वृद्धि की गई है.

नई व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के नाम से जानी जाएंगी. गोरखपुर दौरे पर आए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि निगम की रोजगारपरक सभी योजनाओं में पात्रता के लिए अब कोई वार्षिक आय सीमा नहीं रहेगी.

अनुदान राशि बढ़ाकर 50 हजार

हालांकि इसमें 2.50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एससी बेरोजगारों को वरीयता दी जाएगी. अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 46 हजार तथा शहरी क्षेत्रों में 56 हजार रुपये आय सीमा निर्धारित थी. आय सीमा को मुक्त करने के साथ ही अनुदान की राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. डॉ. निर्मल ने बताया कि कि अनुसूचित जातियों को उद्यमी बनाने के लिए आजादी के बाद पहली बार पात्रता और अनुदान राशि में बड़ा परिवर्तन किया गया है. सरकार के इस प्रोत्साहन से अनुसूचित जाति के लोग कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा उद्योग एवं सेवा व्यापार आदि के तहत अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं.

बता दें पीएम-अजय योजना के तहत क्लस्टर बनाकर अनुसूचित जाति के लोगों को उद्यमी बनाया जाएगा. इसके लिए उनके समूहों का चयन होगा और एक क्लस्टर द्वारा प्रस्तुत परियोजना के सफल संचालन के लिए समूहों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. उनके उत्पादों को बाजार प्रदान करने की भी व्यवस्था सुनिश्चत की जाएगी.

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