कत्लगाह बनते जा रहे हैं सैदपुर के प्राइवेट अस्पताल, लाशें गिन रहा है स्वास्थ्य विभाग - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के सैदपुर (Saidpur News) के कुछ प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital in Saidpur, Ghazipur) जच्चा बच्चा के लिए कत्लगाह बनते जा रहे हैं। बीती एक माह में इन चिकित्सालयों में सिजेरियन के दौरान अब तक 4 गर्भवती महिलाओं व तीन नवजातों की मौत हो चुकी है।
एक नवजात के सिर से मां का साया उठ चुका है। 2 मामलों में परिजनों ने हॉस्पिटलों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया है। जबकि 2 मामलों में नर्सिंग होम संचालकों ने मृतक के परिजनों को कुछ रुपयों से संतुष्ट कर मामला शांत करा दिया।
जांच नहीं, सिर्फ लाशें गिन रहा है स्वास्थ्य विभाग
जनपद के स्वास्थ्य अधिकारी इन चिकित्सालयों की जांच नहीं कर रहे हैं, बल्कि मूक दर्शक बनकर लाशें गिन रहे हैं। एक बार भी अधिकारियों ने नगर में संचालित निजी चिकित्सालय की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। इसके एवज में धन उगाही कर लीपापोती कर रहे हैं।
नगर में संचालित ज्यादातर निजी चिकित्सालय ना तो अस्पतालों के मानकों को पूरा करते हैं, ना ही वहां कोई सुविधा मौजूद है। कई अस्पतालों पर तो बोर्ड तक नहीं लगे हैं। ऐसे चिकित्सालयों का स्थलीय निरीक्षण करने के बजाय सिर्फ कागज पर निरीक्षण और जांच कर लाइसेंस बांटा जा रहा है।
सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना मौत का केंद्र
सैदपुर सीएचसी बीती एक माह में गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों की मौत का केंद्र रहा है। एक मामले में निजी चिकित्सालय से हालत बेहद खराब होने पर गर्भवती की मौत यही हो गई। जबकि बाकी सभी मामलों में गर्भवती महिलाओं को यहीं से बीएचयू या जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। बताया जाता है कि रेफर करने के बाद यहां तैनात कुछ प्राइवेट एजेंट अपने अपने चिकित्सालय में भर्ती करा देते हैं।
एक माह में हुई 7 मां और शिशु की मौतें
बीती 12 जून को जखनियां के ओड़ासन गांव निवासी गर्भवती गुलब्शां की मौत हो गई थी, इस दौरान उसका बच्चे के भी मृत्यु हो गई। 14 जून को सौना गांव निवासी गर्भवती रविता और उसके गर्भ की मौत, 4 जुलाई को वाराणसी जनपद के शिवपुर निवासी गर्भवती मीरा कुमारी की मौत हो गई। हाल ही में 17 जुलाई को गाजीपुर के करंडा निवासी नीतू कुमारी की मौत हो गई। उनका सिजेरियन चल रहा था। हालांकि उन्होंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। इस तरह एक माह में ही 7 मौतें हो चुकी हैं।
सुविधाओं के बावजूद सीएचसी का ब्लड बैंक है बंद
सैदपुर सीएचसी में सारी सुविधाएं हैं। बावजूद इसके ब्लड बैंक हमेशा बंद रहता है। ब्लड बैंक की स्थापना 4 माह पूर्व की गई, लेकिन अभी तक इस ब्लड बैंक का संचालन शुरू नहीं हुआ। यहां आने वाली गरीब गर्भवती महिलाओं को ब्लड कमी की स्थिति में ब्लड नहीं चढ़ पता है। यह भी महिलाओं की मौत का एक कारण है। परिजनों को 50 हजार से एक लाख या कभी-कभी उससे भी ज्यादा रुपए देकर सिजेरियन कराना पड़ रहा है।