मानसून के शुरुवाती रुझान से गाजीपुर के किसान परेशान, मौसम विभाग के अनुकूल नहीं हुई बरिश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. धान की नर्सरी को खेतों में रोपने का काम मानसून की पहली बारिश से लगभग हर साल शुरू हो जाता है। इस वर्ष भी मुहम्मदाबाद और आसपास के इलाकों में कृषक अपने खेतों में धान की नर्सरी रोपना शुरू कर दिए हैं। लेकिन मौसम विभाग की गणना के अनुकूल बरसात नहीं होने से किसान निराश हैं। उनका मानना है कि जिस तरह का मौसम विभाग की ओर से अनुमान लगाया गया था उसके अनुपात में इस साल बारिश अब तक नहीं होना उनकी खेती किसानी के काम पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
कृषक बताते हैं- बारिश के अभाव में ज्यादातर किसान पानी के वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर
नसीरपुर कलां गांव के रहने वाले कृषक बताते हैं कि धान की रोपाई शुरू हो गई है। इस समय अगर खेतों में बरसात से मिले पानी को रोककर रोपाई की जाती तो शायद यह बेहतर विकल्प होता। लेकिन जैसा की मौसम विभाग की ओर से दावा किया जा रहा था। इस साल बरसात किसानों के हित में नहीं हुई है। समय पर बरसात होने से खेती किसानी के काम के लिए उन्हें सिचाईं के लिए जल बड़ी मात्रा में बिना किसी तरह के पैसे खर्च कर मिल जाता है। बारिश के अभाव में ज्यादातर किसान पानी के वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर है। बहुत से किसानों को निजी ट्यूबवेलो से खेतों में पानी खींचकर धान की रोपाई करनी पड़ रही है।
विगत कुछ सालों से बिन मौसम बरसात होने से किसानों की परेशानी बढ़ जाती है
धर्मेंद्र ने बताया कि विगत कुछ सालों से बिन मौसम बरसात होने से किसानों की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसा लगता है जैसे मौसम का चक्र का क्रम नियत समय पर नहीं आने का का हो गया है।सितंबर,अक्टूबर में विगत कुछ सालों में अवसत से ज्यादा बरसात देखने को मिली है। जिससे किसानों को लाभ की जगह नुकसान हुआ है ।इस वर्ष भी बारिश के शुरुआती रुझान कुछ बेहतर नहीं दिख रहे हैं।